बलौदा बाजार

असमानता और भेदभाव की समाप्ति के नारों के साथ मना विश्व एड्स दिवस
03-Dec-2022 4:45 PM
असमानता और भेदभाव की समाप्ति के नारों के साथ मना विश्व एड्स दिवस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 3 दिसंबर।
  विश्व एड्स दिवस जिले पर विविध प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन  कलेक्टर रजत बंसल के निर्देश में स्वास्थ विभाग की टीम द्वारा किया गया।
 जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया कि एचआईवी वायरस के संक्रमण के सम्बंध में समुदाय में जागरूकता के प्रचार-प्रसार बाबत प्रति वर्ष 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।  इस अवसर पर बलौदा बाजार जिले में समस्त सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा वैलनेस केंद्रों सहित स्कूल , कालेज में परिचर्चा , रंगोली और निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से युवाओं को एच आई वी संक्रमण के कारण ,उसके प्रभाव और बचाव के तरीकों से अवगत कराया गया। 
यह कार्यक्रम -बलौदा बाजार में शासकीय दाऊ कल्याण एवं मिनीमाता महाविद्यालय, भाटापारा में शासकीय गजानन्द महाविद्यालय ,सिमगा में शासकीय आई टी आई एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कसडोल में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिसिद, में आयोजित किये गए। 
इस अवसर पर जिला अस्पताल में हस्ताक्षर अभियान एवं शाम को कैंडल जला कर लोगों को इससे बचने का संदेश दिया गया। 
जिला एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी के अनुसार वर्तमान में एच आई वी संक्रमण का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है जिस कारण इसमें जानकारी ही बचाव है। 
इसका संक्रमण केवल चार कारणों से होता है -पहला असुरक्षित यौन सम्बन्ध दूसरा बिना जांचा -परखा रक्त लेने से ,तीसरा समूह में एक सुई-सिरिंज के उपयोग से और चौथा संक्रमित गर्भवती माता से होने वाले शिशु को। 
उक्त चार कारणों से ही एच आई वी फैलता है। गर्भवती माता यदि गर्भधारण के समय तत्काल अपना पंजीयन करवा कर एचआईवी की जांच करवा लें तथा प्रसव अस्पताल में करवाये तो बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सकता है। एचआई वी संक्रमण वास्तव में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमज़ोर कर देता है जिस कारण अन्य कई रोगों का हमला शरीर में होता है। व्यक्ति में संक्रमण के पश्चात लंबे समय तक कोई लक्षण प्रकट नहीं होता है जिस कारण शुरू में इससे पहचान पाना मुश्किल होता है। ऐसे में जोखिम भरे कार्यों में संलिप्त रहने पर व्यक्ति को अपनी एचआईवी की जाँच समय -समय पर करवाते रहना चाहिए । जिले में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला अस्पताल में आईसीटीसी केंद्रों पर इसके जांच एवं परामर्श की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है। एचआईवी का कोई उपचार नहीं है, जिस कारण व्यक्ति को जीवन भर ए आर टी की दवाइयों का सेवन करना होता है। अच्छा खान-पान,दवाई का समय पर सेवन,कसरत योग आदि से व्यक्ति संक्रमण के पश्चात भी स्वस्थ जीवन जी सकता है।

 

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