बेमेतरा

कार्यशाला, महिला घरेलू हिंसा की दी जानकारी
03-Dec-2022 5:39 PM
कार्यशाला, महिला घरेलू हिंसा की दी जानकारी

बेमेतरा, 3 दिसंबर। महिला हिंसा को समाप्त करने के उद्देश्य से शुक्रवार को समाधान महाविद्यालय एवं आईटीआई में महिला केन्द्रित मुद्दे एवं अधिकार विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महिला संरक्षण अधिकारी यशोदा साहू, केंद्र प्रशासन अधिकारी राखी यादव, परामर्शदाता लक्ष्मी वर्मा, आईसीपीएस साइस्ता परवीन, विधिक सहायक से प्राची तिवारी उपस्थित रहीं। सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। 
 संरक्षण अधिकारी यशोदा साहू ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के युग में अगर देखा जाये तो महिलायें घरेलु हिंसा से ज्यादा प्रताडि़त है। घरेलू हिंसा (वैवाहिक दुव्र्यवहार, घरेलू मारपीट, पारिवारिक हिंसा या दहेज के लिए प्रताडि़त करना) आदि होता है। घरेलू दायरे में हिंसा को घरेलू हिंसा कहा जाता है। किसी महिला का शारीरिक, मानसिक, भावात्मक, मौखिक, किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाना जिसके साथ महिला के पारिवारिक सम्बन्ध है, घरेलु हिंसा में शामिल है। यशोदा साहू ने इससे बचने एवं न्याय के उपाय बताते हुए कहा कि घरेलु हिंसा की सूचना कोई भी व्यक्ति संरक्षण अधिकारी को दे सकता है। संरक्षण अधिकारी मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही शुरू करने और एक सुरक्षित आश्रय या चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में मदद कर सकते है। प्रत्येक राज्य सरकार अपने राज्य में संरक्षण अधिकारी नियुक्त करती है।
 सखी वन स्टॉप सेंटर की केन्द्र प्रशासन अधिकारी  राखी यादव ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर योजना भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2015 को हिंसा प्रभावित महिलाओं का समर्थन करने के लिए लागू की थी। वन स्टॉप सेंटर स्कीम  का मतलब है, एक ऐसी व्यवस्थाएँ जहाँ हिंसा से पीडि़त कोई भी महिला मदद ले सकती है। टोल फ्री नम्बर 181 में संपर्क कर इसके माध्यम से मदद ले सकते है। 
परामर्शदाता लक्ष्मी वर्मा ने कहा कि महिलाएं अपने या अपने परिवार के सदस्यों द्वारा होने वाले उत्पीडऩ से बचने एवं न्याय के लिए परामर्शदाता से मिलकर बात कर सकते है जिसे गोपनीय रखा जाता है। 
आई.सी.पी.एस.- साइस्ता परवीन ने कहा कि समेकित बाल संरक्षण योजना देखरेख और संरक्षण के जरुरतमंद बच्चों और विधि का उल्लंघन करने वाले किशोरो पर अपने कार्यकलापों को संकेन्द्रित करती है , साथ ही यह योजना अन्य असुरक्षित बच्चों को रोकथामकारी साविधिक और देखरेख एवं पुनर्वास सेवाएँ प्रदान करती है। चाइल्ड हेल्प टोल फ्री नम्बर 1098 में सम्पर्क करके मदद लिया जा सकता है। 
विधिक सहायता प्राची तिवारी ने संविधान के प्रति जागरुकता, विधिक सेवा प्राधिकरण आदि के बारे में जानकारी दिया। नालसा 15100 टॉल फ्री नम्बर में सम्पर्क करके सहायता ले सकते हंै।

 

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