सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 4 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साथ कांग्रेस सरकार ने छल करके अपना चेहरा साफ कर दिया है यह कहना है भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्त दीपिका शोरी का.
उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार की सोची समझी लापरवाही के कारण आदिवासियों को जो संविधान ने अधिकार दिया है उससे वंचित करा कर इन्होंने सोचा था कि भोले भाले आदिवासी अपने साथ होने वाले इस अन्याय को सह लेंगे, परन्तु कांग्रेस की भूपेश सरकार यह भूल गई है कि आज छत्तीसगढ़ का आदिवासी नई ऊंचाइयों को स्पर्श कर रहा है किसी भी प्रकार की गलत बात बर्दाश्त नहीं करेगा पहले इन्होंने सोची समझी रणनीति के तहत आदिवासियों के मिलने वाले आरक्षण को 32 प्रतिशत से 20 प्रतिशत किया व जब पूरे छतीसगढ़ में आदिवासियों के साथ अन्य वर्गों ने भी कांग्रेस की इस हरकत का बड़े पैमाने पर विरोध करने हेतु सडक़ पर उतर आए व छत्तीसगढ़ की संवेदनशील राज्यपाल अनुसुईया उइके ने भी इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार की इस विषय पर विशेष सत्र लाकर विधेयक पारित करने हेतु पत्र लिखा, इस पर भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के मध्य ही चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से आनन फानन में विशेष सत्र लाकर विधेयक पारित कर आदिवासियों के पक्ष में फैसला करने का ढोंग पीटते हुए जश्न मना रहे हैं।
मैं पूछना चाहती हूं सभी जश्न मनाने वालों से की जब आदिवासी अपने हक की लड़ाई लडऩे हेतु सडक़ पर उतरने को विवश था तब ये कहाँ थे, छत्तीसगढ़ का आदिवासी अब इनके बहकावे में आने वाला नहीं है ,ये कोई आदिवासियों के हितैषियों का जश्न नहीं अपितु भूपेश सरकार व कांग्रेसियों की जश्ने लापरवाही है, जिसका जवाब आने वाले विधानसभा चुनाव में इन्हें एक एक आदिवासी देगा।