राजनांदगांव

अवकाश के दिन तहसीलदार-पटवारी व दलाल ने की भूमि नपाई
05-Dec-2022 3:27 PM
अवकाश के दिन तहसीलदार-पटवारी व दलाल ने की भूमि नपाई

न्यायालय में लंबित के बावजूद दूसरे के नाम पर की रजिस्ट्री
पीडि़त ने लगाया जमीन बंटवारा के नाम 
पर करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 दिसंबर।
अवकाश के दिन  व बारिश के दौरान तहसीलदार, पटवारी, आरआई द्वारा दलाल के साथ भूमि की नपाई करने का आरोप लगाते पीडि़त ने कहा कि जमीन बंटवारा के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी की गई है। पीडि़त ने कहा कि फर्ड बंटवारा को रद्द कर अपने अनुसार बंटवारा कर बहनों का हिस्सा किया और न्यायालय में लंबित होने के बावजूद रजिस्ट्री दूसरे के नाम पर करने का भी आरोप पीडि़त ने लगाया।
ग्राम पेंड्री निवासी लोचन साहू ने सोमवार को पत्रकारवार्ता में आरोप लगाया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जमीन बंटवारा नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने पर ध्यानाकर्षण कराते न्याय की मांग की है। 
श्री साहू ने बताया कि वह ग्राम पेंड्री का रहने वाला है। उन्होंने कहा कि उसके साथ धोखाधड़ी हुआ है। उन्होंने कहा कि मेरी भूमि जो कि 4.59 एकड़ है। जिसका भूमि खसरा नं. 446, 524, 629 व 699 है। यह भूमि राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के पास है। यह भूमि का फर्ड बंटवारा हुआ था और हम सब 11 भाई-बहन संतुष्ट थे, पर तहसीलदार ने अपने आपको न्यायालय बताकर इसे रद्द कर दिया। इसी दौरान एक पटवारी का ट्रांसफर पेंड्री में हुआ। इस पटवारी के साथ तहसीलदार और आरआई ने मिलकर मेरी भूमि का बंटवारा कर अपने अनुसार रद्द कर अपने अनुसार बंटवारा कर दिया। पटवारी अपने माध्यम से दलाल के साथ मिलकर करोड़ों में बेच खाया। मेरे द्वारा इसकी शिकायत कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी से भी की गई, पर इसमें कुछ नहीं हुआ। मेरे जमीन का 18 नवंबर 22 को प्रमाणिकरण भी तहसीलदार द्वारा किया गया।
लोचन साहू ने पत्रकारों को 5 बिन्दुओं पर जानकारी देते बताया कि फर्ड बंटवारा को रद्द कर अपने अनुसार बंटवारा कर बहनों का हिस्सा किया और न्यायालय में लंबित होने के बावजूद रजिस्ट्री दूसरे के नाम पर की गई। छुट्टी के दिन बरसते पानी में 10 लोगों के साथ तहसीलदार, पटवारी, आरआई दलाल के साथ आकर मेरी भूमि की नपाई करने लगे। मुझे जानकारी मिली तो मैं जाकर मना करने पर मेरी किसी ने नहीं सुनी और भूमि को अलग-अलग नाम से बंटवारा कर उस जमीन को दूसरे के नाम पर रजिस्ट्री की गई। रजिस्ट्री आफिस में आपित्त के बावजूद मेरे भूमि को रजिस्ट्री किसी और व्यापारी के नाम कर दिया गया। पटवारी और तहसीलदार अपने आपको न्यायालय बताकर धमकाते रहे। पटवारी दलालों के साथ देर रात शराब के नशे में मेरे घर आकर धमकाते रहे, गलत कागजों में हस्ताक्षर के लिए दबाव डालने लगे। पटवारी दलालों के साथ मिलकर मेरी बहनों के घर भी पहुंच गया और अपने आपको न्यायालय का व्यक्ति बताकर झूठी बात कर उन्हें अपने पक्ष में लेने लगा। पटवारी बालाघाट में मेरी बहनों के घर तक पहुंच गया, उन्हें बहलाने-फुसलाने लगा। 
लोचन साहू ने आरोप लगाया कि मेरी एक निजी जमीन जिसका खसरा नं. 557, 558 है जो पेंड्री में स्थित है। उसके सामने सरकारी जमीन है, उस जमीन में बीते साल आना-जाना करता हूं। मैंने इस जमीन से अपने खेत में आने के लिए रास्ता मांगा तो उस जमीन में रास्ता देने के बजाय पटवारी ने मुझे अपने जमीन के कागजों एवं बिक्रीनामा में हस्ताक्षर मांग और बहुत बार धमकाया। अपने आपको बहुत बड़ा पोलिटिकल कनेक्शन का बताता है। साथ ही मुझे जान से मारने की धमकी देता है। 
लोचन साहू ने मुख्यमंत्री से मांग करते कहा कि तहसीलदार, पटवारी, आरआई ने मिलकर मेरे साथ और मेरे पूरे परिवार के साथ मेरी पुस्तैनी जमीन में करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी किया है। इन लोगों के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि ये किसी और के साथ ऐसा धोखाधड़ी न कर पाए।

 

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