बेमेतरा

लम्पी बीमारी के बाद भी सिर्फ पौने 2 लाख मवेशियों को ही लगा टीका
06-Dec-2022 3:44 PM
लम्पी बीमारी के बाद भी सिर्फ पौने 2 लाख मवेशियों को ही लगा टीका

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 6 दिसंबर।
जिले में लम्पी रोग से बचाव व सुरक्षा के लिए आधे से कम गौवंशी मवेशियों को गोटपॉक्स टीका लगाया गया है। जिले में 4 लाख गौवंशी मवेशी हैं, जिसमें से 1 लाख 80 को टीका लगाया गया है। जिले को लम्पी प्रभावित जिला के श्रेणी में रखा गया है जिसे देखते हुए टीकाकरण में तेजी लाने के निर्देश दिये गये थे।
 

जानकारी के अनुसार प्रदेश में लम्पी रोग को लेकर बेमेतरा जिला को संवेदनशील जिले में शामिल किया गया है। पूरे प्रदेश मेें दुर्ग जिला व बेमेतरा जिला में लम्पी रोग के लक्षण गौवंशी मवेशियों में मिले हैं जिसकी पुष्टि भी लैब टेस्ट में हो चुका है।
चूंकि जिले के बेरला व बेमेतरा ब्लॉक के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लक्षण वाले रोगी गौवंसी मवेसी मिले हैं। अनेक गायों की मौत अज्ञात बीमारी के चलते होने की जानकारी सामने आ चुका है।

अतिरिक्त संचालक द्वारा  दिए गए थे कड़े निर्देश 
चूंकि लम्पी रोग का लक्षण प्रदेश के पूर्व राजस्थान प्रदेश के मवेशियों में देखा गया था जिसके बाद बेमेतरा व दुर्ग जिले में लम्पी रोग के लक्षण पाये गये थे। रोग की प्रसार को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा कसरत तेज करते हुए जिले में नियंत्रण के लिए अतिरिक्त संचालक पषु चिकित्सा सेवा को जिम्मेदारी सौंपा गया था जिनके द्वारा जिले में विशेष तौर पर एलएसडी रोग नियंत्रण के लिए संचालनालय एवं भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे।
 

जाने टीकाकरण की  स्थिति, नवागढ़ आगे 
जिला में 417937 गोवंशी मवेशी है जिसमें बेमेतरा ब्लाक में 115380 मवेशी है जिसमें से 53169 को टीका लगाया गया है। बेरला में 107350 मवेशी है जिसमें से 33462 को टीका लगा है। इसी तरह नवागढ़ में 90826 मवेशी और साजा में 104381 गौवंशी मवेशी है जिससे से क्रमश: 55971 व 39413 मवेशियों को टीका लगाया जा चुका है। 
जिले में टीकाकरण की सबसे कमजोर स्थिति बेरला व साजा ब्लाक की है, जहां पर बेरला में लगभग 33 फीसदी और साजा ब्लाक में 39 फीसदी मवेशियों को टीका लगाया गया है। इसके अलावा नवागढ़ में 60 फीसदी बेेमेतरा में 53 फीसदी को टीका लगाया गया है। जिले को अभी तक 4 लाख से अधिक टीका प्राप्त हो चुका है। जिले में बिते 18 नंवबर तक तक 65991 टीकाकरण किया गया था । इसके बाद के 17 दिनो में जिले में एक लाख बीस हजार टीका लगाया गया है जिसके बावजूद अभी भी दो लाख से अधिक गोटपाक्स टीका लगाया जाना है।
18 नवंबर को लिए गए सैम्पल की रिपोर्ट अब तक नहीं आई 
जिले में लम्पी रोग के लक्षण वाले रोग के प्रसार को देखते हुए 18 नंवबर को पशु चिकित्सा सेवाएं रायपुर डॉ. केके ध्रुव एवं संचालनालय पशु चिकित्सा सेवायें रायपुर द्वारा गांठदार त्वचा रोग नियंत्रण के लिए तीन-तीन सदस्यों का दो टीम गठित किया गया था जिसके सदस्य डॉ. समीर शर्मा, डॉ. संजीव राय, डॉ. रागिनी हजारी, डॉ. वर्षा शर्मा, डॉ. भीखम साहू, डॉ. रानू शारदा द्वारा बेमेतरा जिले के ग्राम करही, जेवरा, अमोरा, वीजाभाट, पीपरभट्टा, पिकरी, बेमेतरा वार्ड नं. 1.2.3 एवं बिलई क्षेत्र में मवेशियों का जांच व सेेम्पल लिया गया था। टीम द्वारा एलएसडी रोग सर्वेक्षण एवं सैम्पल एकत्रित कर पशु पालकों से रोग के संबंध में जुटाया गया था । विजीट के दौरान ग्राम वीजाभाट में 03. ग्राम अमोरा में 03 ग्राम पीपरभट्टा में 07, बेमेतरा वार्ड नं. 01 में 10, वार्ड नं. 02 में 15 एवं ग्राम बिलई में 03 पशुओं में लम्पी जैसे लक्षण मिले थे जिसके बाद सभी मवेशियों का सेेम्पल लेकर भोपाल स्थित लैब भेजा गया था जिसका रिपोर्ट 17 दिन हो गये फिर भी आज तक नहीं मिला है।
इस संबंध में डॉ. राजेन्द्र भगत , उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं- बेमेतरा का कहना है कि जिले मेें 4 लाख 17 हजार गोवंशी मवेशी है जिसमें से 1 लाख 82 हजार से अधिक गोवंशी मवेशियों को टीका लगाया गया है। आने वाले दिनों में टीकाकरण में और तेजी लाया जाएगा। वहीं बीते 18 नंवबर को स्टेट टीम द्वारा लिये गये सैम्पल का रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।

 

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