राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 दिसंबर। राजनांदगांव रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य व सामाजिक कार्यकर्ता सतीश भट्टड़ ने बिलासपुर से नागपुर 11 अक्टूबर को शुरू हो रही नई ट्रेन वंदे भारत ट्रेन का राजनांदगांव में स्टापेज नहीं दिए जाने पर कड़ा विरोध जताया है। छत्तीसगढ़ में बिलासपुर से नागपुर के मध्य रेलवे लाइन में रायपुर दुर्ग व राजनांदगांव प्रमुख स्टेशन में आते हैं। राजनांदगांव स्टेशन से कवर्धा-खैरागढ़-मानपुर-मोहला जिले के यात्री के साथ ही नागपुर दिशा की ओर जाने वाले बालोद-कांकेर सहित पूरे बस्तर के यात्री भी राजनांदगांव रेलवे
स्टेशन से ही ट्रेन पकड़ते हैं। ऐसे में वंदे भारत का राजनांदगांव में स्टापेज न दिया जाना दुर्भाग्यजनक है।
श्री भट्टड़ ने बताया कि 1890 में राजा बलराम दास ने राजनांदगांव जिले में आने वाली संपूर्ण जमीन यहां रेलवे को इस शर्त पर दी थी कि यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेन का स्टॉपेज दिया जाएगा। ब्रिटिश शासन ने अपने शासनकाल में बकायदा वादा निभाया भी। श्री भट्टड़ ने भारतीय रेलवे प्रशासन व केंद्र सरकार से राजा बलराम दास द्वारा नि:शुल्क जमीन के बदले राजनांदगांव से गुजरने वाली नॉन स्टॉप ट्रेनें पुणे हमसफर, गांधीधाम, सूरत एक्सप्रेस मुंबई लोकमान्य एलटीटी अजमेर एक्सप्रेस सहित सभी महत्वपूर्ण ट्रेनों का स्टॉपेज तत्काल दिए जाने की मांग की है।
श्री भट्टड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री व राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह, सांसद संतोष पांडे, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह का इस विषय पर ध्यान आकर्षित करते बताया कि उपरोक्त नॉन स्टॉप ट्रेनों का स्टॉपेज हमसे छोटे छोटे जिले महासमुंद सहित कई अन्य कई स्टेशन में दिया गया और राजनांदगांव को अपेक्षित रखा गया है। राजनांदगांव की भौगोलिक स्थिति व इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के नागरिकों की सुविधाओं को मद्देनजर रखते तत्काल सभी महत्वपूर्ण ट्रेनों का स्टॉपेज दिया जाने की पहल रेलवे प्रशासन से करने की अपील की है।