कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 6 दिसंबर। कोंडागांव जिला के घोर संवेदनशील क्षेत्रों में अब धर्मांतरण के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज के लोग एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में फरसगांव ब्लॉक के भोंगापाल में दर्जनों गांवों के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में बैठक आहुत की गई।
बैठक में मुख्य रूप से आदिवासी समाज के गायता पटेल पुजारी एवं सरपंच समेत ग्रामीणजन गाँव की देवी देवताओं समाज के रीतिरिवाज को बनाए रखने के लिए धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने की बात कही गई। धर्म परिवर्तन किए लोगों को वापस आने की अपील की गई, वहीं बताया गया कि जो लोग अपने धर्म में वापस नहीं आना चाहते, उनका आरक्षण समाप्त करने के लिए कलेक्टर को भी पत्र लिखे हैं।
चिंगनार परगना के अध्यक्ष सुकलू राम कोमरा ने बताया कि लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में भोले भाले गरीब आदिवासियों को लालच देकर तेजी से धर्मांतरण करवा रहे हैं, जिसके कारण हमारे देवी देवताओं का अपमान हो रहा है। इसे बचाए रखने के लिए अब हम सब आदिवासी समाज के सगाजन एकजुट होकर धर्मांतरण के खिलाफ खड़े हैं। जो परिवार धर्मांतरण किए हैं वे वापस अपने धर्म मे वापस आ जाए, यदि जो समाज में वापस नहीं आते है उन सभी का पूर्ण रूप से आरक्षण समाप्त करने के लिए कोंडागांव कलेक्टर को ज्ञापन के माध्यम से दिया गया है।
आगे कहा कि हमारे द्वारा कलेक्टर को भी बैठक में आमंत्रित किया था, लेकिन कलेक्टर के नहीं आने के पर फऱसगांव एसडीएम, तहसीलदार भी पहुंचे थे, लेकिन ग्राम पंचायत भवन में ही कुछ समाज के पदाधिकारियों से मिलकर ही वापस लौट गए।
बैठक में उपस्थित आदिवासी समाज के लोगों ने समाज को मजबूत करने के लिए धर्मांतरण के विरोध में एकजुट होकर पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया।