कोण्डागांव

बच्चों के सेहत के लिए वरदान बना सुपोषण अभियान
07-Dec-2022 2:51 PM
बच्चों के सेहत के लिए वरदान बना सुपोषण अभियान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
कोण्डागांव, 7 दिसंबर।
छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां भी कुपोषण एक बड़ी समस्या रही है। इसीलिए गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार व कुपोषण की रोकथाम हेतु राज्य सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लक्षित बच्चों व माताओं को पूरक पोषण आहार सहित गर्म भोजन प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही अंडे और रागी का हलवा भी प्रदान किये जा रहे हैं। वहीं कुपोषित बच्चों में कुपोषण की रोकथाम व उपचार के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्र चलाया जा रहा है। 
इस दिशा में जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोषण पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गयी है। जिले में कुल 5 एनआरसी संचालित किया जा रहा है। अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक जिले भर से 519 कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया गया था, जिसमें से 514 बच्चों को सुपोषित कर घर भेज दिया गया और 5 बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। इस दौरान बीओपी लगभग 40 प्रतिशत रहा, वहीं अप्रैल 2022 से अब तक 428 कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया गया था जिसमें से 418 बच्चों को सुपोषित कर घर भेज दिया गया और 7 बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। इस दौरान बीओपी लगभग 67 प्रतिशत रहा। कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में जिले के पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर कुपोषित बच्चों को भर्ती कराये जाने हेतु व्यापक पहल किया जा रहा है। इस दिशा में हरे एक पोषण पुनर्वास केन्द्रों की स्थान की सुलभता के अनुसार प्रत्येक पखवाड़ा हेतु 15 बच्चों को रोस्टर तैयार किया गया है। जिसमें सर्वप्रथम गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार को प्राथमिकता दी जा रही है।
पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को मिल रहा नया जीवन
जिले के केशकाल ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 शैय्या युक्त एनआरसी संचालित किया जा रहा है। यहाँ फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर पद पर पदस्थ दिनेश्वरी मंडावी बताती हैं कि, यहां जिले के दूरस्थ इलाकों से आने वाले कुपोषित बच्चों को भर्ती कर उनका चिकित्सा अधिकारियों के देखरेख में इलाज किया जा रहा है। यहां कुपोषित बच्चों को नया जीवन मिल रहा है। यहां गंभीर कुपोषित बच्चों को 6 माह से 5 साल तक प्राथमिक रूप से 15 दिन तक भर्ती कराकर उन्हें पोषण युक्त आहार देकर डॉक्टरों की टीम की देखरेख में उनका इलाज किया जाता है। अति गंभीर कुपोषित होने पर बच्चों को 21 दिन तक भी रखा जाता है।
 इस दौरान भर्ती किये जाने वाले बच्चों को 15 दिन तक एनआरसी में रखकर उनका इलाज व स्पेशल डाइट चार्ट तैयार किया जाता है। जिसमें सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज तत्व युक्त भोजन आहार विशेषज्ञ द्वारा तैयार किया जाता है। यह पोषण आहार शुरुआती दौर में दो-दो घंटे बाद दिया जाता है। साथ ही यहाँ उन्हें नि:शुल्क दवाइयाँ भी प्रदान किया जाता है। प्रतिदिन बच्चों का वजन कर उसी के हिसाब से उनको भोजन एवं दवाइयां दी जाती हैं। एनआरसी से बच्चे की छुट्टी होने के बाद बच्चे का प्रत्येक 15 दिन में कुल 4 बार फॉलोअप भी किया जाता है।
 बच्चे के साथ एनआरसी आने वाली उनकी माता या उनके साथ आने वाले परिजनों को भी दिन में 2 समय भोजन और प्रतिदिन 150 रुपया के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाता है। साथ ही यहां प्रतिदिन काउंसिल के द्वारा माताओं का काउंसलिंग किया जाता है, जिसमें उन्हें बच्चों के देखरेख, टीकाकरण, पोषण और स्वच्छता से सम्बंधित जानकारी दी जाती है, तथा माताओं को स्थानीय रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थों से कम लागत में पोषण युक्त भोज्य पदार्थ बनाने तथा स्थानीय साग-सब्जी का उपयोग करने संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

 

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