दुर्ग

सारे दुख से मुक्ति का मार्ग है दीक्षा-आचार्य विशुद्ध सागर महेन्द्र बने क्षुल्लक सोहम सागर, हजारों बने साक्षी
07-Dec-2022 4:23 PM
सारे दुख से मुक्ति का मार्ग है दीक्षा-आचार्य विशुद्ध सागर महेन्द्र बने क्षुल्लक सोहम सागर, हजारों बने साक्षी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 7 दिसम्बर। आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि वीतराग का मार्ग सबसे कठिन मार्ग है लेकिन इसमें आनंद है। सारे दुख से मुक्ति का मार्ग दीक्षा है। जो जीव माया शून्य होकर देव की आराधना करता है उसे फल निष्चित रूप से मिलता है। 
पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव में आचार्य विशुद्ध सागर ने दीक्षा से पहले महेन्द्र बाकलीवाल को दीक्षा के बाद पालन किए जाने वाले नियमों से अवगत कराया। उन्होंने इन्द्रियों में रसना व ब्रम्हचर्य व्रत के पालन का उपदेष दिया और कहा कि अपनी इच्छाओं का दमन कर मोह का त्याग करके मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़े ।
 उन्होंने कहा कि आचार्य सुन्मति जी ने छत्तीसगढ़ में पहला चातुर्मास दुर्ग में किया, समाज में संस्कार आचार्य का उपकार है। गुरू की भक्ति की है भाव बदल गए है और दीक्षा लेने का भाव बना है, उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि भाव पैदा करे कि ऐसा समय हमारे जीवन में भी आए। 
अखण्ड जैनत्व की दिखी मिसाल
नसिया तीर्थ में ब्रम्हचारी महेन्द्र बाकलीवाल की क्षुल्लक दीक्षा में अखंड जैनत्व की अद्भुत मिसाल देखने को मिली। दिगम्बर समाज के साथ श्वेताम्बर समाज के लोग भी शामिल हुए। क्षुल्लक मुनि दीक्षा में आचार्य रतन मुनि के प्रभावक शिष्य आदित्य मुनि व रमन मुनि भी शामिल हुए। ब्रम्हचारी महेन्द्र को आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ने दीक्षा दिलाई। ब्रम्हचारी महेन्द्र क्षुल्लक सोहम सागर बन गए। क्षुल्लक सोहम सागर को सोहन लाल, गिरधारी लाल कैलाश कुमार, काला बेल्हारी ने पात्र भेंट किया। किरण बाकलीवाल परिवार प्रकाश चंद योगेश कुमार कासलीवाल वस्त्र व संयम पिच्छी उपकरण के पुण्यार्जक बने। दीप प्रज्जवलन का कार्य अनिल बाकलीवाल तमिलनाडु ने किया। 
तपकल्याणक की हुई क्रिया
नसिया तीर्थ में मंगलवार 6 दिसम्बर को तपकल्याणक में सुबह नित्य महाअभिषेक शांतिधारा पूजन तप कल्याणक पूजन व शांति हवन हुआ। दोपहर 1 बजे मंगलाष्टक आदि कुमार का विवाह व राज्याभिषेक भेंट समर्पण राज्य संचालन षटकर्म उपदेष दण्ड व्यवस्था ब्राही सुन्दरी को विद्यादान नैलांजनानृत्य युवराज आदि कुमार का वैराग्य भरत बाहुबली को राज्य सौंपने का कार्यक्रम हुआ। आज ज्ञानकल्याणक होगा। 
नसिया जी के लिए पूजा के बर्तन उषादेवी छाबड़ा कलकत्ता ने दिए। प्रतिष्ठाचार्य अमित शास्त्री ग्वालियर व पूरे महोत्सव के स्वल्पाहार के पुण्यार्जक परिवार शशि संगीता कासलीवाल परिवार बने। मंच संचालन जितेन्द्र पाटनी ने किया। 
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में केन्द्रीय मंत्री फगन सिंह कुलस्ते, सांसद विजय बघेल व महापौर धीरज बाकलीवाल, डॉ.उज्जवल पाटनी,संजय कोहले, मनदीप भाटिया, ज्ञानचंद बाकलीवाल, प्रवीण छाबड़ा, पंकज जैन (जज) महावीर पाटनी, कजोड़मल लुहाडिय़ा, किशोर बडज़ात्या, पवन जैन डोंगरगांव, राजेन्द्र गोंदिया उपस्थित थे।  

इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में सजल काला, राकेश छाबड़ा संदीप लुहाडिय़ा, अभिषेक पाटनी, दिलीप बाकलीवाल, पंकज छाबड़ा, तरूण बोहरा, अक्षय जैन, अनिल गोधा, सुनील जैन, (रिसाली) प्रदीप पाटनी रायपुर प्रवीण बडज़ात्या, मनीष बडज़ात्या, नीरज बोहरा, मनोज बाकलीवाल, पिन्टू जैन, इन्द्र कुमार पाण्डया, नरेश बाकलीवाल, दीपक लुहाडिय़ा, मनीष बाकलीवाल, सुनील गंगवाल सहित गुजरात नांदेड़, राजिम, रायपुर, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, पुणे, कलकत्ता, भिलाई, महाराष्ट्र सहित विभिन्न प्रान्तों से हजारों धर्मप्रेमी शामिल हुए।  

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