सुकमा

शुद्ध पानी को तरस रहे ग्रामीण
10-Dec-2022 9:33 PM
शुद्ध पानी को तरस रहे ग्रामीण

खुद ही खोदा चुआ, पानी के लिए घंटों मशक्कत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सुकमा, 10 दिसम्बर। जिले के ओल्लेड पंचायत के आश्रित गांव  सीतापाल के ग्रामीण आज भी चुआ का पानी पीने को मजबूर हैं। अंदरूनी  क्षेत्र होने के कारण इन्हें बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बीच यहां के ग्रामीण जीवनयापन करने के लिए मजबूर हैं।

ग्रामीण जोगा ने बताया कि गांव के 17-18 घर हंै जो 2 बोरवेल के भरोसे रहते है, लेकिन बोरवेल अक्सर खराब होने की वजह से  1 किमी दूर गड्ढा खोदकर चुआ एक खेत में  बनाया गया है। जहा रोजाना पानी के लिए घंटों मशक्कत करना पड़ता है, क्योंकि जिस जगह पर यह पानी निकाला जाता है, वहां पर भी सीमित मात्रा में पानी किसी तरह से निकलता है। पानी इक_ा करने के लिए उन्हें रुक-रुक कर कटोरे से निकालना पड़ता है। इसी तरह से पानी इक_ा कर अपने उपयोग के लिए लाते हैं। इसी प्रकार से गांव में अक्सर खराब रहने वाले बोरवेल नहीं सुधारे जाते।

गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जिसके कारण बिजली तो पहुंची है, लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से बंद हो जाती। इसके अलावा अन्य शासन की योजनाएं भी गांव की पहुंच से दूर है।

ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं के विषय में जानकारी भी नहीं हंै। नल -जल योजना के सारे नल बंद पड़े दिखते है।  बुनियादी सुविधाएं न के बराबर है।  अभाव के बीच ग्रामीण जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं।

गंदा पानी पीने मजबूर

महिलाएं सुबह होते ही पीने के पानी के लिए  गांव से दूर पैदल सफर तय करके नाले की ओर जाती हैं। गर्मी में यह बरसाती नाले सूख जाते हैं। महिलाएं जाकर यहां पहले गड्ढे खोदते हैं फिर उसमें आने वाले पानी को बर्तन में भरकर घर लाती हैं। जब गड्ढे से पानी निकलना बंद हो जाता हैं तो ग्रामीण दूसरे गड्ढे खोदते हैं। इस तरह गंदा पानी पीने को ग्रामीण मजबूर हैं। वहीं बरसात के समय इस नाले में पानी आ जाता हैं लेकिन वह पीने योग्य नहीं रहता। उस समय महिलाएं नाले के बाहर के हिस्से में गड्ढे खोदकर चुआ बनाती और वहां से पानी भरती हैं।

हालांकि गाँव में बोर खनन कराया गया, लेकिन उसमें पानी नहीं आता या खराब पड़े हैं। गाँव वालों का कहना हैं कि बोरिंग खनन के लिए छोटी गाड़ी आती हैं जो जलस्रोतों तक खनन नहीं कर पाती, जिससे  बोर सफल नहीं होती और  समस्या ज्यों की त्यों ही बनी रहती है।

ग्रामीण सुखड़ी का कहना है कि बोरवेल खराब रहने की वजह से ही हम चुआ का पानी पीने को मजबूर है। बोरवेल हमारी कई महीनों तक नहीं बनाए जाते सचिव सरपंच को बताने पर भी कोई ध्यान नहीं देता।

उन्होंने बताया, हम 18 घर के लोग हैं जो अब चुआ के भरोसे है। आगे गर्म का मौसम है जिससे दिक्कते और बढ़ेगी। चुआ का पानी और गहरे उतर जाएगा  तो हमारी और कठिनाईयां बढ़ जाएगी। हमारे गांव में कुंआ भी होता तो हमारी पानी की समस्या खत्म हो जाती। हम रोजमर्रा के आवश्यकता में ही रह जाते है, जिससे हम पढऩे को स्कूल नहीं जा पाते और अशिक्षित ही रह जाते हैं।

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