सुकमा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 11 दिसम्बर। सर्वआदिवासी समाज भवन सुकमा में छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया हुआ। आदिवासी महासभा में उपस्थित सदस्यों ने शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान की कहानी बताई। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरूआत वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर उपस्थित सदस्यों द्वारा पूजा-अर्चना कर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम के प्रारम्भिक क्रम में उनकी जीवनी पर आधारित विभिन्न घटनाओं के संबंध में वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए व उनकी महान व्यक्तित्व पर फोकस डालते हुए प्रथम उद्बोधन के कड़ी में एचएस सिधार (संरक्षक) जिला सुकमा ने सारगर्भित शब्दों से उनके कार्यशैली व उनके विशाल जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनको सदी का महाननायक कहा।
अनुसूचित जन जाति विकास संघ जिला सुकमा के जिलाध्यक्ष कोमलदेव मरकाम द्वारा वीर नारायण सिंह के संघर्षमय जीवन पर प्रकाश डालते हुए विचार व्यक्त किए व उनके जीवन के प्रत्येक घटना को उपस्थितजनों को अंगीकार करने अनुरोध किया।
छ ग अनुसूचित जन जाति के महासचिव मनेश्वर जुर्री भी उपस्थित थे, जिन्होंने 1857 के क्रांति में उनके भागीदारी पर विचार रखते हुए, प्रेरणास्रोत वक्तव्य देते हुए बताया कि उनके मार्गों पर चलकर जीवन का वह सब लक्ष्य पाया जा सकता है।
महिला (प्रकोष्ठ) उपाध्यक्ष अंजना पोया ने भी शाहदत दिवस के संदर्भ में विचार व्यक्त किए, और उमेन्द् गोटी वीर नारायण सिंह को सच्चा देशभक्त और जनसेवक बताया। इसी के साथ स्वाल्पाहार व शीतल पेय वितरण कर कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम में मनोज पोया, घस्सू कवाची, प्रताप पटेल, देवनारायण सलाम, प्यारी लाल ध्रुव, सोमारु नेताम, बिमलू कर्मा और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
शिक्षक कवासी लखमा ने अभार व्यक्त किया, और कार्यक्रम का संचालन छ ग अनुसूचित जन जाति शासकीय सेवक विकास संघ जिला सुकमा के लखन लाल जुर्री (सचिव) ने किया।