सुकमा

राज्य महोत्सव में पहुंचा किन्दरवाड़ा का मंडई लोक नृत्य दल
20-Dec-2022 9:26 PM
राज्य महोत्सव में पहुंचा किन्दरवाड़ा  का मंडई लोक नृत्य दल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सुकमा,20 दिसंबर। मैदान जगदलपुर में आयोजित संभाग स्तरीय शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति आदिवासी लोक कला महोत्सव में  नृत्य प्रतियोगिता में संभाग के सभी जिलों से जनजातीय सांस्कृतिक दलों ने भाग लिया। इसमें सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्राम किंन्दरवाड़ा का गुण्डाधुर लोक कलामंच के द्वारा प्रस्तुत की गई मंडई लोक नृत्य ने संभाग में प्रथम स्थान हासिल किया है।

21 दिसम्बर से राजमोहिनी भवन अम्बिकापुर में शुरू होने वाले राज्य स्तरीय शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति आदिवासी लोक कला महोत्सव में किंन्दरवाड़ा के मंडई लोक नृत्य दल द्वारा अपने मंडई लोक नृत्य कला का प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए कवासी लखमा, केबिनेट मंत्री वाणिज्यिक कर (आबकारी) वाणिज्य एवं उद्योग छत्तीसगढ़ शासन, हरीश कवासी अध्यक्ष जिला पंचायत सुकमा, हरीश एस. कलेक्टर जिला सुकमा एवं गणेश शोरी सहायक आयुक्त आदिवासी-विकास सुकमा द्वारा नर्तक दल को शुभकामनाओं के साथ बधाई दी है।

उल्लेखनीय है कि धुरवा मंडई लोक नृत्य विशेषकर बस्तर एवं सुकमा जिले के वनांचल में निवासरत धुरवा जनजाति द्वारा मेला, मण्डई एवं जातरा के अवसरों पर ढोल के ताल एवं बान्सूरी के धुन में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ किया जाता है। इस नृत्य में बान्सूरी की धुन से ही नृत्य शैली का प्रदर्शन किया जाता है। उत्साह एवं वीरता से परिपूर्ण होने के कारण इसे क्षेत्रान्तर्गत सैनिक नृत्य भी कहा जाता है।

यह लोक नृत्य मेला मण्डई में क्षेत्र के आस-पास के आमंत्रित देवी देवताओं एवं ग्राम्य देवी देवताओं की परघाव या स्वागत करते समय तथा मण्डई मेला का भ्रमण करते समय कासन ढोल के नेतृत्व में देवलाट, छत्तर सिरहा-गुनिया, पेरमा पुजारी के सम्मुख देवी देवताओं की अगुवाई में की जाती है। नर्तक दल बन्दीपाटा बेलूर, साका की वेशभूषा व पारम्परिक अस्त्र टंगिया (कुल्हाड़ी) फरसा तीर धनुष, कमर में बुरका (सुखी लौकी का विशेष पात्र जिसमें पेय पदार्थ रखा जाता है) श्रृंगार विशेष (तोडी-बजाने का विशेष यंत्र) लेके, धुरवा ढोल व टमक, तुड़बुड़ी व बान्सूरी की धुन में नृत्य किया जाता है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news