सुकमा

शिविर में दी पेशा अधिनियम की जानकारी
22-Dec-2022 9:33 PM
शिविर में दी पेशा अधिनियम की जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा,22 दिसंबर।
जिला प्रशासन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के दिशानिर्देश एवं एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतू जीपीडीपी 2023-24 कार्ययोजना और पेसा अधिनियम के विषयों पर प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न हुई। इस प्रशिक्षण में कोन्टा ब्लॉक के पटवारी, सरपंच और ग्राम सचिव ने सहभाग लिया था।

इस प्रशिक्षण कार्यशाला के अध्यक्ष स्थान पर जिला पंचायत के उपसंचालक एवं जिला संसाधन समूह के सदस्य भारती सहाय भगत जी थे, प्रशिक्षक एवं मास्टर ट्रेनर सी 3 जिला समन्वयक महेश झरकर और जिला पंचायत जिला समन्वयक किशोर देशमुख द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

सी 3 जिला समन्वयक  महेश झरकर ने कहा, जीपीडीपी के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में नौ थिम और पेसा अधिनियम 2022 के तहत महिला हितैषी एवं बाल हितैषी मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। ग्राम के हर महिला व बच्चों को अपने अधिकार कि जानकारी देकर ग्राम सभा में के महत्व कि जानकारी देना अनिवार्य है, पेसा अधिनियम के अंतर्गत बाल सभा और महिला सभा के गठन का प्रस्ताव है, इसकी जानकारी विस्तृत स्वरुप में दी गयी। इसी तरह दिव्यांजन, तृतीय लिंग,वरिष्ठ नागरिक और वंचित समूह के अलावा भी हमें विभिन्न वंचित घटको को न्याय एवं सरकारी योजना से लाभान्वित करने हेतू प्रयास करते रहना है। 

उन्होंने कहा, पेसा अधिनियम में बालसभा के गठन की भी व्यवस्था है। पेसा अधिनियम के नुसार बाल सभा में 14 वर्ष से अधिक के सभी बालकों एवं किशोर-किशोरी को सहभागी किया जाएगा। उनको ग्राम पंचायत में विभिन्न बाल अधिकार एवं सहभागीता का समावेश होगा। अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा सर्वोपरि होगी। शासकीय कर्मी ग्रामसभा के आदेशों की अवहेलना नहीं कर सकेंगे। ग्रामसभा सरकारी अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर सकती है। इस कानून में महिला सभा दिव्यांजन, तृतीय लिंग, वरिष्ठ नागरिक और वंचित समूह के अलावा बालसभा के गठन की भी व्यवस्था है। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में अनुसूचित क्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पेसा अधिनियम बनाया गया है। यह अधिनियम जनजातीय समुदाय को स्वशासन का अधिकार देता है। 

जिला सुकमा में जिला प्रशासन के सहयोग से सी3 के द्वारा एवं प्रयास से बाल हितैषी ग्राम पंचायत बनाने का अधिक प्रयास किया गया है। इसके लिए पिछले एक वर्ष से जमीनी स्तर पर  प्रयास किया गया है। जीपीडीपी कार्ययोजना 2023-24 के माध्यम से बाल अधिकार एवं बच्चों के हित में प्राथमिकता देकर हर ग्राम नौ थिम के साथ या ग्राम पंचायत को बाल हितैषी ग्राम पंचायत का लक्ष्य है। 

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