कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
केशकाल, 24 दिसंबर। क्रिसमस पर्व नजदीक आते ही क्षेत्र में धर्मांतरण का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है। शुक्रवार को बटराली के ग्रामीणों ने केशकाल थाना आकर गांव में सार्वजनिक रूप से क्रिसमस का त्योहार न मनाए जाने को लेकर आवेदन दिया था। इस मामले को लेकर शनिवार को एसडीएम शंकरलाल सिन्हा के नेतृत्व में केशकाल थाना परिसर में शांति समिति की बैठक रखी गई थी। जिसमें ग्राम पंचायत बटराली सर्व समाज व ईसाई समाज के लोग भी शामिल हुए थे।
इस बैठक में ग्रामीणों का कहना था कि यदि धर्मांतरित ईसाई परिवारों को त्योहार मनाना है तो वह केशकाल जाकर चर्च में विधिवत अपना पर्व मनाएं। लेकिन गांव में किसी प्रकार के सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन न करें।
प्रशासन व पुलिस द्वारा दोनो पक्षों को घण्टों तक चली गहमागहमी व समझाइश के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि गांव में किसी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे। लोग अपने अपने घर में रहकर ही उत्सव मनाएंगे। साथ ही जिन्हें सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होना है, वह केशकाल भी जा सकते हैं।
भाजपा मंडल अध्यक्ष रामेश्वर उसेंडी ने कहा कि केवल बटराली ही नहीं पूरे केशकाल विधानसभा में धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। पिछले दिनों ग्राम चिगनार में ऐसी ही स्थिति निर्मित हुई थी जिसमें ग्रामीणों ने धर्मांतरित ईसाई परिवारों को गांव से निकाल दिया था। यदि शासन प्रशासन जल्द इस मामले को संज्ञान में नहीं लेती है तो आगामी दिनों में एक बार फिर ग्रामीण इसके विरोध में लामबंद होंगे।
एसडीएम शंकरलाल सिन्हा ने कहा कि शांति समिति की बैठक में दोनों पक्षों से बातचीत करके सर्वसहमति से यह निर्णय लिया गया है कि ग्राम बटराली में जितने भी इसाई परिवार हैं, वह अपने अपने घरों में ही रह कर क्रिसमस का पर्व मनाएंगे। और जिन्हें सामूहिक कार्यक्रमों में शामिल होना है, वह केशकाल जाकर शामिल हो सकते हैं। इस बात पर दोनों ही पक्षों ने सहमति दी है।