कवर्धा

सरपंच ने की थी आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या, भाई-साथियों संग जंगल में जलाया, 4 बंदी
25-Dec-2022 3:44 PM
सरपंच ने की थी आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या, भाई-साथियों संग जंगल में जलाया, 4 बंदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कवर्धा, 25 दिसंबर।
लापता पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता विवेक चौबे की हत्या का खुलासा पुलिस ने किया है। हत्या का मुख्य आरोपी बोक्करखार का सरपंच है। हत्या को छुपाने के लिए आरोपियों ने आपराधिक षडयंत्र रचा था। गुमशुदा पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या कर आरोपियों ने घने जंगल में शव को जलाया।  गुमशुदा की मोटर सायकल को भी घने जंगल में दफन कर दिया था। आरोपी लगातार पुलिस को दिगभ्रमित करने का प्रयास करते रहे। पूरे मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 
कबीरधाम के पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने पे्रसवार्ता में बताया कि  विवेक चौबे की हत्या बोक्करखार सरपंच अमित यादव ने की। 
उन्होंने बताया कि थाना कवर्धा, जिला कबीरधाम में 16 नवंबर 22 को प्रार्थी रूपेश चंद्रवंशी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि इसके परिचित के मित्र एवं सहकर्मी पत्रकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता विवेक चौबे पिता स्व. नंदकिशोर चौबे 12 नवंबर से अपने घर से बिना बताये कहीं चला गया है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना कवर्धा में गुम इंसान कायम कर जांच में लिया गया।
पुलिस अफसरों ने गुमशुदा की पतासाजी के लिए हरसंभव प्रयास किये जाने अलग-अलग टीम गठित की गई। मोबाईल नंबर की कॉल डिटेल प्राप्त कर विश्लेषण करने गुम इंसान विवेक चौबे 12 नवंबर को कुण्डपानी थाना चिल्फी की ओर जाना तथा 13 नवंबर को उसका मोबाईल करीब 2 बजे बोड़ला क्षेत्र के सुकवापारा में बंद होने की जानकारी मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों को उक्त संबंध में अवगत कराकर बोड़ला एवं चिल्फी के क्षेत्रों में जाकर पतासाजी की गई।
इसी बीच 21 नवंबर की शाम को गुमशुदा की बहन ने पुलिस को अवगत कराया कि किसी अज्ञात मोबाईल नंबर से इसके पास गुमइंसान विवेक चौबे के संबंध में फोन कॉल प्राप्त हुआ है, उक्त मोबाईल नंबर के धारक की पतासाजी कर धारक से फोन कॉल के संबंध में पूछताछ किया गया। मोबाईल धारक द्वारा भी किसी अनजान दो व्यक्तियों ने किसी से बात करने के लिए फोन मांग कर बात करना बताया तथा उपरोक्त दोनों व्यक्तियों के संबंध में कोई जानकारी तथा पहचान होना नहीं बताया।
21 नवंबर को आये हुये फोन कॉल से पुलिस की गुमइंसान की पतासाजी के लिए जांच की पहलू को बदलकर गुम इंसान के साथ कोई अनहोनी घटना घटित होने की संभावना पर तथा घटना की कड़ी कहीं ना कहीं जिले के घनघोर वनाचंल एवं नक्सली क्षेत्र ग्राम बोक्करखार, कुण्डपानी के क्षेत्र से जुड़े होने की संभावना पर पुलिस अधीक्षक कबीरधाम ने पुन: अलग-अलग पुलिस टीम गठित कर तकनीकी विश्लेषण एवं सूचना तंत्रो से प्राप्त जानकारी को अद्यतन किये जाने पार्टी बनाई गई।
इसी बीच पुलिस टीम को विशेष मुखबिर से सूचना मिली कि धवईपानी से कुण्डपानी की ओर जाने वाले रास्ते पर फारेस्ट के पेट्रोलिंग कैम्प के अंदर जंगल पहाड़ी की ओर जले हुए राख का ढेर है, जिसमें हड्डियों के टुकड़े दिखाई दे रहे हैं। इस सूचना की तस्दीकी हेतु विशेष टीम गठित कर मौके पर भेजा गया। जहां प्रथम दृष्टया मानव हड्डी जैसे प्रतीत हुआ व किसी को जलाये जाने की आषंका व्याप्त हुई। जिस पर मौके में ही शून्य पर मर्ग कायम कर जांच में लिया जाकर शव पंचनामा कार्यवाही उपरांत हड्डियो के परीक्षण के लिए मेकाहारा रायपुर भेजा गया। 
इसी संबंध में सूचना तंत्र के माध्यम से यह भी जानकारी प्राप्त हुई कि गुमशुदा विवेक चौबे को बोक्करखार सरपंच अमित यादव ने संभवत: हत्या कर जला दिया है, कि उक्त सूचना के आधार पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में गठित टीम द्वारा मुखबीर के बताये जानकारी के आधार पर संदेही सरपंच अमित यादव, नंदलाल मेरावी, सुखसागर यादव एवं जगदीश धुर्वे को तलब कर अलग-अलग पुछताछ किया गया। संदेहियो द्वारा काफी घंटे तक पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया गया तथा उनके बताये कडिय़ो के आधार पर सभी तथ्यों को एक साथ जोडक़र फिर गहनता से उनसे पुछताछ करने पर -
सरपंच अमित यादव ने बताया कि 12 नवंबर को लगभग 5 बजे पत्रकार विवेक चौबे उससे मिलने ग्राम बोक्करखार आया था। जो शाम-रात तक साथ में रहे, रात्रि के समय आपसी बातचीत में दोनों के मध्य विवाद होने से गुस्से में आकर उसे मुक्का से मारा, जिससे वह अपने मोटर सायकल से गिर गया, फिर विवेक चौबे उठने का प्रयास किया तो पास रखे लाठी/गेड़ा  से उसके पैर व सिर में जोरदार प्रहार किया जिससे वह फिर गिर गया। जिसे पास जाकर देखा तो उसकी श्वांस नहीं चली रही थी। जिससे वह घबरा कर अपने भाई सुखसागर यादव एवं अपने गांव के अन्य नंदलाल मेरावी और जगदीश धुर्वे को बुलाकर पत्रकार विवेक चौबे के शव को ठिकाना लगाने के लिए गांव से दूर जंगल की ओर ले जाकर पहाड़ी में उसके शव को पास पड़े लकडिय़ों की मदद से जला दिया।
उसके बाद उसके मोटर सायकल को भी छिपाने के लिए अपने साथियों को बोला। जिस पर सुखसागर यादव और नंदलाल मेरावी ने मोटर सायकल को जंगल में और दूर ले जाकर गड्डा खोदकर गाड़ी को गड्डे में डाल कर पाट दिये है तथा उसके मोबाइल को अपने पास रख लिया। फिर रात्रि को जंगल खेत में ही बने स्थान में रूककर सुबह अपने घर आ गया।
दूसरे दिन 13 नवंबर को अपने गांव के अन्य व्यक्ति को कवर्धा में काम है, कहकर अपने साथ लेकर आया और ग्राम कुण्डपानी, चिल्फी होते हुए बोड़ला आये वहंा अमित यादव ने पत्रकार विवेक चौबे के मोबाईल से वकील को पुलिस को गुमराह करने के लिए कॉल किया फिर कवर्धा आकर रूक कर दूसरे दिन अपने गांव गया। अमित यादव के उक्त बातों की तथ्य को अन्य संदेहियो ने भी इसी तरह बताया।
संदेहियो द्वारा बताये गये उक्त तथ्य के आधार पर तथा उनके बताये गये स्थान से गुमशुदा के शव की हड्डियां एवं मोटर सायकल को वनांचल क्षेत्र से जब्त किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में अमित यादव उम्र 28 साल, नन्दलाल मेरावी  उम्र 20 साल, सुखसागर यादव उम्र 22 साल, जगदीश धुर्वे उम्र 20 साल सभी निवासी कुण्डपानी थाना चिल्फी जिला कबीरधाम की विधिसंगत् गिरफ्तारी कार्यवाही कर पुलिस रिमांड में लिया गया है। 

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