बिलासपुर

शोध शिखर में विद्यार्थियों ने प्रदर्शित किए एक से बढ़कर एक 50 से अधिक मॉडल
31-Dec-2022 6:01 PM
शोध शिखर में विद्यार्थियों ने प्रदर्शित किए एक से बढ़कर एक 50 से अधिक मॉडल

ऑल टाइम मेडिसिन, सिंदूर से बिजली उत्पादन, तनाव से कैसे हो दूरी और पांडुलिपि संरक्षण पर प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 31 दिसंबर। डॉ. सी वी रमन विश्वविद्यालय में शोध शिखर 2022-23 रिसर्च प्रोजेक्ट कांपिटीशन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के केमिस्ट्री, फिजिक्स, फार्मेसी, लाइब्रेरी साइंस,  एवं इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने एक से एक मॉडल प्रस्तुत किए। इनमें एटीएम ऑल टाइम मेडिसिन, कचरे से बिजली उत्पादन, लेजर अलार्म से सुरक्षा, तनाव क्यों और कैसे, गोल्ड नैनो पार्ट से कैंसर का उपचार, सिंदूर प्लांट से बिजली उत्पादन, अल्ट्रावायलेट लैंड के किरणों के माध्यम से कीटाणुओं से सुरक्षा आदि शामिल थे। विद्यार्थियों ने 50 से अधिक मॉडल बनाकर अपने रिसर्च को सबके सामने रखा।

एमएससी की इनगीता तिग्गा और साथियों ने कचरे से बिजली उत्पादन का मॉडल तैयार किया,  जिससे उन्होंने बिजली की बढ़ती खपत की समस्या से निजात दिलाने की बात कही। इसी तरह एमएससी के ही स्वराज एवं साथियों ने एक्सीडेंट रोकने के लिए मॉडल तैयार किया है, जो कि कुछ दूरी पहले ही व्यक्ति या किसी के होने का आभास करा सकता है। यह डिवाइस ब्लाइंड की मदद के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।  शोध शिखर में एमएससी के विद्यार्थी शबनम सिंह और गोपी कृष्णा ने अल्ट्रावॉयलेट लैंप के किरणों के माध्यम से सामान या डॉक्यूमेंट को कीटाणुओं से सुरक्षित रखने का मॉडल प्रस्तुत किया। वर्तमान में कोरोना के समय यह सबसे ज्यादा सुसंगत है।  एमएससी के विद्यार्थी निशीकांत पंडा ने सिंदूर के बीजों से बिजली उत्पादन का मॉडल तैयार किया है। इसी तरह सोने के छोटे पार्ट का उपयोग कर कैंसर के इलाज की तकनीक भी बताई गई। यह मॉडल मनीष कुमार सिंह ने अपने साथियों के साथ तैयार किया। फार्मेसी की छात्रा भार्गवा एवं साथियों ने हेल्दी बॉडी के संबंध में पूरी जानकारी दी और बताया कि हम किस तरह स्वस्थ रह सकते हैं। फार्मेसी के ही हरिओम ने तनाव कैसे होता है और यह कैसे दूर किया जा सकता है, इस बारे में मॉडल में प्रदर्शनी लगाई।  योगा और मेडिटेशन को इसमें महत्वपूर्ण स्थान दिया गया।

लाइब्रेरी साइंस के विद्यार्थी भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने पुस्तकालय के बारे में जानकारी दी। देश के 18 राज्यों में पुस्तकालय अधिनियम लागू है। यह मॉडल सौरभ और वर्षा रानी ने तैयार किया है। एमएससी के विद्यार्थी राहुल यादव ने लेजर अलार्म सिस्टम से सुरक्षा का मॉडल दिखाया। रितेश्वरी ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग का मॉडल प्रस्तुत किया। आत्मनिर्भर पर्यावरण अनुकूल प्रणाली का मॉडल एमएससी की दीपिका और निवेदिता ने तैयार किया है, जिससे बिजली की खपत को नियंत्रित किया जा सकता है। कचरे से बिजली उत्पादन और इसके बाद बायोगैस के बेहतर उपयोग का मॉडल बीएससी के छात्रों ने बनाया। यह मॉडल अमीषा, शिवानी और जयंती ने तैयार किया है। ऑल टाइम मनी एटीएम की तर्ज पर ऑल टाइम मेडिसिन का मॉडल भी फार्मेसी के छात्र अविचल, सुधा एवं आकांक्षा ने तैयार किया है। इस मॉडल में क्यूआर कोर्ट के माध्यम से ग्राहक को एटीएम में पैसे की तरह हमेशा दवाई उपलब्ध हो सकेगी। इसी तरह पौराणिक मान्यताओं के आधार पर लाइब्रेरी साइंस विभाग की सपना और प्रियंका ने पांडुलिपि संरक्षण पर जागरूकता के लिए मॉडल तैयार किया है। इसकी मदद से ताम्रपत्रों में लिखकर चीजें संरक्षित की जा सकती हैं। इसी तरह अन्य विद्यार्थियों ने भी ज्ञानप्रद और वर्तमान समाज में उपयोगी मॉडल शिखर 2022 -23 में रखे।

यह आयोजन रमन सेंटर फॉर साइंस कम्युनिकेशन, सेंटर फॉर रिन्यूएबल ग्रीन एनर्जी,  सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एडवांस एनवायरमेंट रिसर्च ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की सम कुलपति प्रोफेसर जयति चटर्जी, कुलसचिव गौरव शुक्ला, इंजीनियरिंग के प्राचार्य डॉ एम के तिवारी, डॉ. ए के श्रीवास्तव, डॉ. मनीष उपाध्याय , डॉ. रत्नेश तिवारी, डॉ एके ठाकुर, डॉ. रोहित मिरी, डॉ अनुपम तिवारी , डॉ अमित शर्मा, डॉ रश्मि वर्मा सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष व प्राध्यापक उपस्थित थे।  ,

इस अवसर पर निर्णायक के रूप मे उपस्थित एमडी मेडिसिन डॉ. अविजीत रायजादा ने कहा कि राज्य की नई योजनाओं, शरीर के जानकारी, शिक्षा का तरीका सहित, विभिन्न महत्वपूर्ण विषय को विद्यार्थियों ने बहुत अच्छे से मॉडल के माध्यम से दर्शाया है। इसमें कृषि, विज्ञान, पर्यावरण के अनेक मॉडल हैं जो सबको प्रेरणा दे रहे हैं।

कृषि वैज्ञानिक डॉ अमित शुक्ला ने कहा कि मॉडल में बच्चों के साथ-साथ उनके प्राध्यापकों की मेहनत भी साफ झलक रही है। निश्चित रूप से सभी मॉडल प्रशंसनीय हैं।

छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर के साइंटिस्ट डी डॉक्टर अमित कुमार मेश्राम ने कहा कि निश्चित रूप से यह विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों की इच्छा शक्ति है, जो बेहतर कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे मॉडल जाने चाहिए।

कुलपति प्रो. रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि सभी मॉडल वर्तमान की सामाजिक आवश्यकताओं पर केंद्रित हैं। शोध शिखर 2022 - 23 में चयनित यह मॉडल भोपाल में प्रस्तुत किए जाएंगे। जहां देश भर के विद्यार्थियों के चयनित मॉडल आएंगे। यहां से चयनित मॉडल एआईयू द्वारा उड़ीसा में होने वाले ईस्ट जोन रिसर्च प्रोजेक्ट कॉम्पिटिशन में भेजे जाएंगे।

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