बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 3 जनवरी। चौबीस दिसंबर से लापता हुए चार लोगों में से दो को बीती रात नक्सलियों ने छोड़ दिया है। रिहा होते ही वे बीजापुर पहुंचकर यहां अपने गृहग्राम चले गए। ये न तो पुलिस से मिले और न ही मीडिया से मिले, वहीं दो अन्य ठेकेदार अब भी नक्सलियों के चंगुल में बताये जा रहे हंै।
सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी के साथ कोंडागांव से यहां अपने दुधमुहे बच्चों को लेकर पहुंची अपहृत नीमेंद्र कुमार दिवान व नीलचन्द नाग की पत्नियों ने सकुशल रिहाई के लिए मीडिया के माध्यम से अपील की थी। सोमवार की रात यानी दसवें दिन नक्सलियों ने नीमेंद्र व नीलचन्द को छोड़ दिया। ये दोनों वहां से निकलकर सीधे पहले बीजापुर पहुंचे। यहां से ये दोनों अपने गृहग्राम चले गए। ये दोनों न तो पुलिस से मिले और न ही मीडिया से संपर्क किया। वहीं इनके अन्य दो साथी टेमरु नाग लोहंडीगुड़ा व बारसूर निवासी चापड़ी बतैया अब भी नक्सलियों के चंगुल में होना बताये जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि नीमेंद्र व नीलचन्द की पत्नियों की मार्मिक अपील के चलते ही नक्सलियों ने उन्हें छोड़ दिया। इधर चापड़ी बतैया और टेमरु नाग के परिजनों ने भी नक्सलियों से उन्हें छोडऩे की अपील की हैं। दोनों युवकों को छोड़े जाने की पुष्टि उनके परिजनों ने की हैं, वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले की अब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।
ज्ञात हो 24 दिसम्बर को लेकर कोंडापल्ली से नीमेंद्र कुमार दिवान, नीलचन्द नाग, टेमरु नाग व चापड़ी बतैया का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था। नौ दिनों तक अपने साथ रखने के बाद दसवें दिन नक्सलियों ने नीमेंद्र व नीलचन्द को बासागुड़ा के आसपास छोड़ दिया। जबकि चापड़ी बतैया व टेमरु नाग अब भी उनके चंगुल में बताये जा रहे हैं।