बीजापुर

आजादी के बाद पहली बार पोटेनार पहुंचा प्रशासन, ग्रामीणों को बांटे राशन
04-Jan-2023 8:52 PM
आजादी के बाद पहली बार पोटेनार पहुंचा प्रशासन, ग्रामीणों को बांटे राशन

ग्रामीणों की 15 किमी दूर पैदल चलकर आने की बाधा खत्म

बीजापुर, 4 जनवरी। जिले के बदलते हालात के बीच एक अच्छी और सुकून देने वाली खबर निकलकर सामने आई है। भैरमगढ़ ब्लाक के अतिसंवेदनशील गांव पोटेनार पहुंचकर  प्रशासन ने ग्रामीणों को राशन मुहैया कराया गया है। इससे ग्रामीणों की अब 15 किमी पैदल चलकर राशन लेने की बाध्यता भी ख़त्म होती दिखाई दे रही है।

बुधवार को भैरमगढ़ ब्लॉक के अतिसंवेदनशील ग्राम पंचायत पोटेनार पहुंचीं प्रशासन की टीम को देखकर ग्रामीणों के चेहरे खुशी से खिल उठे। आजादी के बाद पहली बार प्रशासन की टीम यहां पहुंची हैं। प्रशासन की टीम ने यहां ग्रामीणों के बीच राशन का वितरण किया।

राशन वितरण के लिए गई प्रशासन की टीम में शामिल रहे ग्राम पंचायत जांगला के सचिव कोमल निषाद ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर बुधवार को जंगल के रास्तों से होते हुए पहाड़ी इलाकों व नदी-नालों को पार कर दल पोटेनार पहुंचा। यहां पहुंचकर ग्रामीणों को राशन वितरण किया गया।

सचिव निषाद ने आगे बताया कि जांगला से करीब 15 किमी दूर बसे इस पंचायत के ग्रामीण पैदल चलकर जांगला आते हैं और यहां से राशन ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की समस्या को देखकर कलेक्टर ने उन्हें पोटेनार के ग्रामीणों को गांव में पहुंचाकर राशन देने के निर्देश दिए थे। पोटेनार के सरपंच मुन्नाराम लेकाम व ग्रामीण पांडुराम आला ने बताया कि पहली बार प्रशासन ने यहां पहुंचकर गांव वालों को जनवरी माह का राशन वितरण किया। इससे गांव वालों में खुशी हैं।

 उन्होंने बताया कि गांव वालों को 15 किमी दूर पैदल चलकर राशन लेने जांगला जाना पड़ता हैं। वहां से वे अपने कंधों में राशन लाते हैं। कभी किराये पर ट्रैक्टर मिल जाये तो उसमें राशन ले आते हैं। राशन लाने उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में राशन के लिए उचित मूल्य की दुकान के लिए भवन बन जाये और उन्हें गांव में ही राशन मिल जाये तो इससे उनकी समस्या खत्म हो जाएगी।

वहीं कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा का कहना है कि कुछ दिन पहले वे दौरे पर थे। इसी दौरान ग्रामीणों ने उन्हें इस समस्या की जानकारी दी। उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत गांव वालों तक राशन पहुंचवाया है। उन्होंने आगे बताया कि जितने भी विस्थापित उचित मूल्य की दुकानें है। वह सभी दुकानों को उनके मूल गांवों में शिफ्ट करने की तैयारी जा रही हैं। ताकि गांव वालों को उनके ही गांव में उन्हें राशन मिले।

उन्होंने कहा है कि अगर गांव वाले चाहे तो जल्द ही उनके गांव में दुकान के लिए भवन बनाया जाएगा।

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