गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा (राजिम), 5 जनवरी। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी दंत रोगों के प्रति जागरूकता कम है। गुड़ाखू, मंजन आदि के अधिकाधिक प्रयोग एवं अन्य व्यंजनों के सेवन के चलते लोगों ने अपने दांत खराब कर लिए हैं। दिवंगत सत्यभामा देवी अग्रवाल की स्मृति में आयोजित निशुल्क दंत शिविर में आई दंत वैद्य डॉ.सरोज बेन जोशी ने ये बातें कही।
उन्होंने कहा कि वैसे ही शहरों में अनेक डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों के सेवन के चलते और अपनी भीड़ भरी दिनचर्या के कारण बच्चों और युवाओं के दांत भी तेजी से खराब हो रहे हैं। इसका एकमात्र निदान आयुर्वेदिक मंजनों तथा जीवन शैली में निरंतर सुधार से ही हो सकता है।
राजकोट से आये डॉ. सरोज बेन जोशी, डॉ. हर्षद जोशी, मुकेश कुलकर्णी आदि की टीम ने यहाँ वृंदावन कुंज में 77 मरीजों के दांतों का परीक्षण किया व 18 के सड़े - गले दांत निकाले। शिविर में सेवार्थियों के रूप में सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय के रा. से. यो. प्रभारी डॉ. आर. के. रजक, एन. सी. सी. व एन. एस. एस. के छात्र - छात्राएँ सक्रिय रहे। शिविर के प्रारंभ में पं. ब्रह्मदत्त शास्त्री ने पूजन अर्चन किया व मंगलाचरण के बाद शिविर प्रारंभ किया।
इस अवसर पर डॉ. टी. एन. रमेश, स्वरूपचंद टाटिया, डॉ. राजेंद्र गदिया, डॉ. मनोज मिश्रा, भागचंद बंगानी, गिरधारी अग्रवाल, प्रदीप भंसाली, रमेश पहाडिय़ा, मोहन गोविंद अग्रवाल, रमेश बोथरा, संजय बोथरा, विनोद छल्लानी आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
विदित हो कि डॉ. जोशी विगत 27 वर्षों से छत्तीसगढ़ में आ रही है। अभी 3 वर्षों से कोरोना काल में व्यवधान आ गया था, अब वे अपनी सेवाएं प्रति वर्ष पूर्ववत देती रहेंगी। डॉ. जोशी ने बताया कि जो लोग नगर नवापारा के शिविर में नहीं आ पाये हो, वे 05 जनवरी को खैरागढ़, 6 को दुर्ग, 7 को रायपुर व 8 को भिलाई में संपर्क कर सकते हैं। उनकी सेवाएं उदयांचल राजनांदगांव के सौजन्य से प्राप्त होती रही है।
नगर की समाजसेवी उद्योगपति मनमोहन अग्रवाल विगत 27 वर्षों से अपनी माताजी स्वर्गीय सत्यभामा देवी अग्रवाल की पावन स्मृति में यह शिविर लगवाते रहे हैं। इस अवसर पर रा. से. यो. इकाई से दीपक, सौरभ साहू, भीषम साहू, भूषण साहू, विनय गोस्वामी, खुशी देवदास, देविका साहू, विद्या साहू, मिनल देवांगन, अगेश साहू एवं एन. सी. सी. से फनेंद्र साहू, खुशी मिश्रा, प्रीतम साहू, दीपक साहू एवं राजेश साहू की गरिमामय उपस्थिति रही।