कोरिया

जिला पंचायत चुनाव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुण्ठपुर (कोरिया), 10 जनवरी। त्रिस्तरीय पंचायत उप चुनाव में जिला पंचायत सदस्य क्रमांक 6 में भाजपा की एकतरफा से कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई। चुनाव पूर्व ही यह तय था कि कांग्रेस इस चुनाव को गंभीरता से नहीं ले रही है।
सम्पन्न त्रिस्तरीय पंचायत उप चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस तीसरे स्थान पर है, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी कांग्रेस से बेहतर दिख रही है और दूसरे स्थान पर है। चुनावी घमासान शुरू होने के साथ ही कांग्रेस के कोई भी बड़े नेता इस चुनाब में नजर नहीं आए, वहीं चुनाव पूर्व जो नेता एक प्रत्याशी को हर संभव मदद की बात कह रहे थे वो दूसरे प्रत्याशी के खड़े होने से मदद को आगे नहीं आए।
कोई बैठक नहीं न कोई रणनीति
कांग्रेस संगठन ने इस चुनाव में न तो किसी तरह की बैठक की, न कार्यकर्ताओं को साधने की कोशिश की इसके अलावा चुनाव में उतरने के पूर्व कोई रणनीति बनाई, ऐसा लगा ही नहीं कि कांग्रेस इस चुनाव में उतरी है दूसरी ओर भाजपा के संगठन प्रभारी प्रबल प्रताप सिंह न सिर्फ प्रचार में दिखे बल्कि समय समय पर उन्होंने कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर उन्हें हर बूथ को मजबूत करने के टिप्स भी दिए।
कौन है कांग्रेस समर्थित ये नहीं जानते मतदाता
संपन्न चुनाव में कांग्रेस ने जीत के लिए कितना जोर लगाया ये चुनाव के दौरान देखने को मिला, जब मतदाता से पूछा गया कि आपने किसको मत दिया तो उसने कहा मत कांग्रेस को दिया पर जब चुनाव चिन्ह उससे पूछा गया तो उसने भाजपा समर्थित प्रत्याशी के चिन्ह को बताया, 30 पंचायत में हुए इस चुनाव में स्थित 81 पोलिंग बूथों में से कई बूथों में कांग्रेस के पोलिंग एजेंट तक नहीं देखे गए।
बड़े नेताओं ने बनाई दूरी
इस चुनाव में कांग्रेस के हर आयोजन में शामिल रहने वाले बड़े नेता कहीं भी मैदान में नजर नहीं आए, ऐसा लगा नेता जानबूझकर कर चुनाव में सामने भी नही आए, न ही नेताओं ने सोशल मीडिया में अपने दौरे को लेकर कोई पोस्ट की। कांग्रेस की युवा ब्रिगेड भी चुनाव को लेकर एकदम शांत ही नजर आई। जबकि भाजपा ने अपने हर विंग को हर बूथ पर सक्रिय कर रखा था।
ठीकरा विधायक पर फोडऩे की तैयारी
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस की जीत के बाद कई मौके आए जब हर नाकामी का ठीकरा विधायक अम्बिका सिंहदेव पर फोड़ा गया। इस हार का भी ठीकरा उन्हीं पर फोडऩे की तैयारी है, चुनाव के दौरान विधानसभा सत्र चला और उसके बाद जब वो चुनावी मैदान में उतरी तो सिर्फ मैदान भाजपा से पटा पड़ा था, हालांकि तीन दिन उन्होंने कोशिश की परंतु तब तक काफी देर हो चुकी थी।