बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा,13 जनवरी। कोरोना काल के दौरान दिवंगत व्यक्ति के परिजनों को अनुदान राशि के लिए अभी तक भटकना पड़ रहा है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के रहवासी योजना का लाभ लेने के लिए गुहार लगाते नजर आते हैं।
जानकारी के अनुसार कोरोना काल के दौरान असमय मौत के शिकार हुए कोरोना पीडि़तों को 50-50 हजार का सहायता राशि जारी करने के निर्देश जारी होने के बाद से अनेक हितग्राहियों को प्रकिया पूर्ण करने के बाद भी सहायता राशि नसीब नहीं हो पाया है।
जिला कार्यालय पहुंची महिला उषा सोनी ने जानकारी दी कि उसके पति राजेन्द्र सोनी की मौत फरवरी 22 में कारोना की वजह से हो चुका है जिसके बाद उसके द्वारा कोविड सहायता राशि के लिए जिला प्रशासन के पास गुहार लगाया गया था तब से वे लगातार दफ्तरों का चक्कर काटती आ रही है। पूर्व में उसे प्राधिकरण कार्यालय भेजा गया था जहां से वापस जिला कार्यालय पहुंची थी। इस तरह करीब 6 महीने तक उसे घुमाया गया था। अंत में जब सभी दस्तावेजों को सही पाया गया तब उसे 10 माह बाद सत्यापन कराने कहा गया। जब सत्यापन कराने के बाद पहुंची तब तक प्रकिया में देर होने के कारण प्रकरण निरस्त कर दिया गया है। जबकि उसके द्वारा निधन के 20 दिन बाद से लगातार कार्यालय में पहुंचकर आवेदन प्रस्तुत किया जाता रहा है। वहीं अन्य आवेदक सुरेश कुमार ने बताया कि रिकार्ड के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम या फिर राजस्व द्वारा उसे आकर गांव में सूचना देने आने की बात कहा गया था पर आज तक उससे जानकारी तक नहीं लिया गया है। बहरहाल प्रभावित परिवारो को कागजी प्रकिया की वजह से कोविड से मरने वाले के आवेदक परिजनों तक सहायता राशि नहीं पहुंच पाई।