कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 15 जनवरी। बस्तर संभाग के जिलों के अन्तर्गत आने वाले शिक्षा विभाग के कार्यालयों में पदस्थ लिपिकों से लिपिकीय कार्य नहीं लिया जाकर लिपिकीय कार्य अन्य दूरस्य शालाओं में पदस्थ शिक्षकों से तथा अन्य संस्थाओं में पदस्य भृत्यों से लिपिकीय कार्य कराया जा रहा है। शिक्षा विभाग के लिपिकों को ब्लॉक के तहसील, जनपद कार्यालयों में संलग्न कर कार्य लिया जा रहा है, जिससे लिपिकों को अपनी मूल विभाग के कार्यों को सीखने, समझने तथा निर्वहन करने में परेशानियां उत्पन्न होती है।
कोण्डागांव संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग को ज्ञापन सौंपते संभागीय संयुक्त मोर्चा लिपिक महासंघ ने शिक्षा विभाग के कार्यालयों में लिपिकीय कार्य के लिए शिक्षकों को कार्यालयों में संलग्न किये जाने पर आपत्ति जताई है।
संभागीय संयोजक पी.एस. राणा ने बताया कि संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बस्तर (छ.ग.) कार्यालय में कार्यरत् गैर लिपिक कर्मचारियों से लिपिकीय कार्य संपादन कराया जा रहा है।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षा विभाग के कार्यों में मूल लिपिकों के कार्यों को अन्य संवर्ग के कर्मचारियों से कराये जाने के कारण लिपिक अपने मूल विभाग के कार्यों को सीखने-समझने से वंचित हो रहे हैं। संयुक्त संचालक को आग्रह करते संघ ने स्थिति पर ध्यान आकर्षित किया है।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि शालाओं में शिक्षकों की कमी के चलते प्रभावित हो रहे अध्यापन कार्य व अन्य गतिविधियों पर लिपिक संवर्ग के कर्मचारी अपने मूल कार्य से वंचित रह कर कम्प्यूटर ऑपरेटर की तरह कार्य कर रहे हैं, जिससे लिपिकों में आपसी मतभेद उत्पन्न हो रहा है। इसी प्रकार अन्य विभागों में भी लिपिकों के होते हुए अन्य पद पर पदस्थ कर्मचारियों से लिपिकीय कार्य किया जा रहा है। बस्तर संभाग अंतर्गत कार्यालयों में पदस्थ लिपिकों से ही लिपिकीय कार्य कराये जाने हेतु निर्देश जारी करने का निवेदन किया गया है।