बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 16 जनवरी। जल आर्वधन योजना को जल्द पूर्ण कराने की मांग नगर पालिका परिषद दल्लीराजहरा के अध्यक्ष शीबू नायर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार, महिला बाल विकास एवं समाथ कल्याण मंत्री अनिला भेंडिया एवं कलेक्टर को पत्र लिखकर की गई है।
भेजे गए पत्र में नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि पिछले लगभग 5 वर्षों से नगर वासियों को स्वच्छ जल प्रदाय हेतु जल आर्वधन योजना का निर्माण कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से प्रारंभ किया गया है।
काफी धीमी गति से संचालित हो रहा काम- वहीं उन्होंने बताया कि संबंधित विभाग द्वारा करवाया जा रहा कार्य बहुंत ही धीरे गति से चल रहा है। तो वहीं नगर के विभिन्न वाडों मे लोगों को आवागमन की सुविधा हेतु सीसी रोड का निर्माण करवाया गया है जिसे भी उक्त विभाग द्वारा तोडकर पाईप बिछाकर छोड दिया गया है। तो वहीं कई गली मुहल्लों मे गढ्ढे खोदकर उसे खुला छोड दिया गया है।
गढ्ढों की वजह से हो रही दुघर्टनाएं-संबंधित विभाग के इस लापरवाही के चलते लोगों को आने जाने मे काफी परेशानी हो रही है। वहीं उन गढ्ढों मे स्कुली बच्चे गिर कर दुघर्टना का शिकार हो चूके हैं।
इस संबंध मे संबंधित विभाग के अधिकारियों को अनेकों बार गढ्ढों को पाटनें के लिए आग्रह किया गया। परंतु विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
दिनों दिन गिरता जा रहा जल स्तर :- शीबू नायर ने बताया कि नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत 104 नग मोटर पंप व 180 नग हैंडपंप संचालित है। परंतु मार्च माह के प्रारंभ होते ही जल स्तर नीचे चले जाता है जिसके चलते उन मोटर पंप व हैंडपंपों से पानी बहुंत ही कम निकलने लगता है। जिसके चलते गर्मी के दिनों मे वाडवासियों को पेयजल के लिए काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ता है।
फाइंस युक्त पानी-नगर पालिका अध्यक्ष ने भेजे अपने पत्र मे बताया कि माइंस क्षेत्र होनें के कारण मोटर पंप व हैंडपंपों से लाल फाइंस युक्त पानी निकलता है। नगर वासियों को मजबुरन उक्त पानी पीना पड़ रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड रहा है।
उन्होंने मांग की है कि संबंधित विभाग द्वारा पाईप लाईन बिछाने के लिए जो गढ्ढे खोदे गए हैं उन गढ्ढों को जल्द से जल्द बंद किये जायें, ताकि उन गढ्ढों की वजह से किसी भी प्रकार दुघर्टना व अनहोनी न हो। वहीं जल आर्वघन योजना का कार्य जल्द पूरा करवाया जाए, ताकि राजहरा वासियों को शुद्व पेयजल का लाभ मिल सके।