जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 17 जनवरी। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने वीडियो काल के माध्यम से जशपुर निवासी लाभान्वित हितग्राही दुर्गेश पाठक से बात की राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्र में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि का आबंटन कर कब्जाधारी को मालिकाना हक प्रदान किया जा रहा है। इस हेतु अतिक्रमित 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किया गया है। जिससे नजूल भूमि पर अतिक्रमित व्यक्ति शासन द्वारा निर्धारित गाईडलाईन के अनुसार राशि जमा कर मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं।
नगर पालिका जशपुर के निवासी दुर्गेश पाठक ने शासन के इस प्रावधान के तहत नगरीय क्षेत्र में स्थित 7500 वर्ग फीट भूमि तक अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का लाभ लिया है। उन्होंने अपने काबिज लगभग 820 स्क्वायर फीट भूमि का नियमितीकरण करा कर मालिकाना हक प्राप्त किया है। हितग्राही दुर्गेश पाठक ने कहा की प्रदेश में पहली बार इस तरह की योजना लागू की गई है। जमीन का वास्तविक मालिकाना हक पाकर उनका पूरा परिवार बहुत खुश है। पूर्व में यह जमीन शासकीय होने के कारण हम इस पर अपना वास्तविक मालिकाना हक नहीं पा रहे थे। जमीन का अभिलेख मिलने से हमारी चिंता दूर हो गई है।
पाठक ने बताया कि उक्त जमीन उनकी पैतृत्क जमीन से लगी हुई थी जिस पर लगभग तीन पिढिय़ों से उनका परिवार काबिज रहा है। शासन की इस योजना की जनाकारी मिलते ही हितग्राही द्वारा जुलाई 2020 में अतिक्रमित भूमि का मालिकाना हक प्राप्त करने हेतु तहसील कार्यालय में आवेदन किया गया था। इस संबंध में नगर पालिका कार्यालय, अस्पताल, नगर निवेश सहित अन्य विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आवश्यक कार्रवाई पूर्ण किया गया। राजस्व अमलें द्वारा भी आगे की कार्यवाही एवं मौका जांच कर प्रकरण का शीघ्रता से निराकरण किया गया। उनके द्वारा काबिज भूमि के एवं में 3 लाख 82 हजार 709 रुपए चालान के माध्यम से जमा किया गया एवं अप्रैल 2021 में उन्हें भूमि का पट्टा प्रदान करते हुए भू-स्वामी का अधिकार प्राप्त हुआ।
पाठक ने बताया कि जमीन के मालिकाना हक मिलने पर अब वे उक्त भूमि पर अपने सपनों का आशियाना बना रहे है। यहां उनका जन्म हुआ है एवं इसी जमीन पर उन्होंने अपना बचपन व्यतीत किया है।
हितग्राही ने बताया की उक्त जमीन पर घर बनाना उनके माता-पिता का ख्वाब रहा है जिसे अब वे प्रशासन के सहयोग से पूरा कर पा रहे है।
उन्होंने बताया कि नजूल जमीन होने के कारण वे अपना घर नहीं बना पा रहे थे। उन्हें हमेशा बेदखली का डर रहता था। परंतु अब जमीन का पट्टा प्राप्त होने के बाद उन्हें किसी प्रकार का डर नहीं रह गया है और वे अपना घर बनाना प्रारंभ कर चुके है। जल्द ही उनका आवास तैयार हो जाएगा। पाठक ने काबिज भूमि का मालिकाना हक दिलाने के लिए मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है।