बस्तर
जगदलपुर, 18 जनवरी। क्षेत्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान केंद्र जगदलपुर बस्तर द्वारा रैली के संवर्धन और संरक्षण के ऊपर एक कार्यशाला का आयोजन वन विभाग, राज्य रेशम विभाग एवं केंद्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारियों की उपस्थिति में मंगलवार को किया गया। इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, केंद्रीय तसर अनुसंधान व प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. सत्यनारायण बुनियादी तसर रेशम बीज संगठन बिलासपुर के निदेशक डॉ. वेणुगोपाल, राज्य रेशम के अतिरिक्त निदेशक डॉ. राजेश बघेल उपस्थित थे।
इस अवसर पर मोहम्मद शाहिद खान अपने भाषण में संरक्षण प्रक्रिया को संरक्षित जंगलों में करने की सुझाव देते हुए संग्राहकों को संरक्षण प्रक्रिया में साथ लेने की सुझाव दिया। अतिरिक्त निदेशक राजेश बघेल ने पर्यावरण की परिवर्तन को मुख्य रूप से कारण माना है एवं इसके ऊपर अनुसंधान की जरूरत पर जोर दिया।
क्षेत्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान केंद्र जगदलपुर के वैज्ञानिक सुनील कुमार मिश्र ने सूचित किया कि प्रगुणन कैंप के पूर्व एवं बाद के अध्ययन कीट की प्रगुणन होने की पृष्टि की है। सुझाव दिया है कि प्रगुणन कैंप के उपरांत रेशम कीट आगे प्राकृतिक रूप में प्रगुणन करने की सुविधा उपलब्ध करवाना केंद्रीय तसर अनुसंधान व प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ सत्यनारायण रांची ने स्वसहायता समूहों की जोडऩे एवं संरक्षण एवं संवर्धन के ऊपर जोर दिया । श्री दिनेश कुमार नें बरफ प्रजाति के संरक्षण को उपलक्ष में नैलों बैग की कार्य पर लगाने की सुझाव दिया है। रेशम उप संचालक जयपाल बरिहा ने वर्त्तमान वर्ष में संरक्षण शिविर के दौरान अनुभवों को साझा किया । वैज्ञानिक डॉ ज्योति एवं डॉ हनामंत गदाद ने भी आपने अनुभव को साझा किया ।
इस अवसर पर बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, केशकाल, सुकमा, कोंडागांव से वन विभाग के अधिकारी एवं राज्य रेशम विभाग से बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, बीजापुर से सहायक संचालक सहित 50 कोसा संग्राहक उपस्थित थे।