रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 जनवरी। मुस्लिम समाज का 17 जनवरी को हुए बैठक में लिए गए निर्णय को लेकर गुरूवार को पत्रकारवार्ता में समाज के पदाधिकारी कारी इमरान अशरफी,नौमान अकरम हामिद, हाजी अब्दुल हमीद और मौलाना मोहम्मद अली ने बताया कि इस बैठक में निर्णय लिया गया की मुस्लिम समाज के वैवाहिक और दूसरे कार्यक्रमों में होने वाली कुरीतियों एवं बुराईयों को रोकने के लिये मुस्लिम समाज सख्त कदम उठायेगा। शादी समारोह, सन्दल चादर में बैण्ड बाजा, डीजे, आतिशबाजी का बहिष्कार किया जाएगा। उपस्थित सभी इमामों ने एक स्वर से यह तय किया की ऐसे किसी भी शादी में निकाह नहीं पढ़ायेंगे जहां बाजा एवं आतिशबाजी का उपयोग किया जाएगा। साथ ही बाहर से आए मौलवी को भी निकाह पड़ाने नहीं दिया जायेगा। इस पर उपस्थित सभी प्रबुद्ध नागरिक ने अपना समर्थन दिया। कहा कि अगर इमाम निकाह नहीं पढ़ायेंगे तो हम आम नागरिक ऐसी किसी भी शादियों में खाने का बहिष्कार करेंगे।
साथ ही अगर यह पता चलता है कि किसी के घर में बाजे इत्यादि का प्रयोग हो रहा है तो उसको शहर की कमेटी जाकर समझायेगी।
मुस्लिम समाज में बाजा एवं आतिशबाजी की मनाही है। इसे रोकने के लिए कमेटी हर संभव प्रयास करेगी। यह निर्णय पूरे रायपुर जिले में लागू होगा। और प्रयास किया जाएगा की इसे पूरे राज्य में लागू किया जाए। निर्णय को प्रचारित एवं प्रसारित करने के लिये शहर स्तर एवं मोहल्ला स्तर पर रायपुर शहर की दूसरी मुस्लिम सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं का सहयोग लेकर एक कमेटी बनाई जायेगी जो ना सिर्फ बाजा आतिशबाजी बल्कि दूसरे बूरी आदत एवं लत से बचने सरकार से मदद लेगी।