महासमुन्द

समर्थन मूल्य पर दलहन बेचने ढाई हजार पंजीयन, तीन माह बाद भी मूंग की बोहनी तक नहीं
20-Jan-2023 6:17 PM
समर्थन मूल्य पर दलहन बेचने ढाई हजार पंजीयन, तीन माह बाद भी मूंग की बोहनी तक नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 20 जनवरी। महासमुंद जिले में 16 अक्टूबर से 20 जनवरी के बीच मूंग फसल खरीदी की बोहनी तक नहीं हो पाई है। हालांकि आधा क्विंटल उड़द जरूर खरीदा गया है। जानकारी मिली है कि मूंग की फसल लेकर किसान बसना वेयर हाउस पहुंचे थे, लेकिन चलिटी ठीक नहीं होना बताकर उनका एक दाना भी नहीं खरीदा गया है। जिला विपणन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार एक किसान से उड़द की फसल की 0.50 क्विंटलकी खरीदी हो सकी है। अन्य किसान भी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में फसल लेकर आए थे, लेकिन खरीदी नहीं हो पाई।

जानकारी अनुसार सात किसान 1.36 क्विंटल मूंग की फसल लेकर बेचने के लिए बसना वेयर हाउस पहुंचे थे। गुणवत्ता अच्छी नहीं होने से खरीदी नहीं हो पाई है। किसानों का कहना है कि जिस समय दलहन की फसल की खरीदी हो रही थी, वह सीजन दलहन की फसल बेचने के लिए उपयुक्त नहीं था। फसल तैयार नहीं हो पाई थी।

मालूम हो कि जिले के किसान दलहन की फसल को पहले खुले बाजार में बेचते थे। इस साल पहली बार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने की सुविधा दी गई। लिहाजा समर्थन मूल्य पर दलहन फसल बेचने के लिए जिले के 2 हजार 472 किसानों ने पंजीयन कराया। शासन ने उड़द की कीमत 6600 रुपए प्रति क्विंटल और मूंग की कीमत 7755 प्रति क्विंटल निर्धारित की है। पहला वर्ष होने के कारण कोई टारगेट निर्धारित नहीं किया गया।

जिला विपणन अधिकारी राहुल अंड्रस्कर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दलहन की फसल की खरीदी 16 दिसंबर तक की गई। इसमें आवक काफी कम रही। जो किसान फसल लेकर आए थे, उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होने के कारण खरीदी नहीं की गई।

गौरतलब है कि चालू खरीदी वर्ष में महासमुंद जिले में दलहन का रकबा 7497 हेक्टेयर है। अधिाकरियों की मानें तो आगामी समय में दलहन की फसल का रकबा बढ़ सकता है। इस साल 2022 मेें पहली बार खरीदी होने से कई किसानों को इसकी जानकारी नहीं थी। इस कारण वे उड़द और मूंग की फसल नहीं ले पाए। इसके अलावा दलहन की फसल के पंजीकृत किसान भी अगले वर्ष से बढ़ सकते हैं।

हालांकि जिले के ज्यादातर किसान धान की फसल लेते हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए 1 लाख 58 हजार किसान पंजीकृत हैं।

विभागीय जानकारी के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अरहर फसल की खरीदी 13 मार्च से प्रारंभ होगी। प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत 12 मई तक खरीदी की जानी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य 6600 रुपए निर्धारित की गई है। जिला विपणन विभाग को अरहर की फसल की खरीदी अच्छी होने की उम्मीद है। रबी सीजन 2022-23 में अरहर की फसल का रकबा 0.500 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। कई किसान फसल ले रहे हैं।

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