रायपुर
रायपुर, 21 जनवरी। गलत मार्कशीट के संबंध में लगाई गई जनहित याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है। यह याचिका तथाकथित आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल द्वारा मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल की गलत मार्कशीट को दिखाकर लगाई गई थी जिससे मैट्स यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाई जा सके। यह मार्कशीट संजीव अग्रवाल ने ही छेडख़ानी कर बनाई थी।
उल्लेखनीय है कि तथाकथित आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल द्वारा मैट्स यूनिवर्सिटी के विरुद्ध लगातार मीडिया के विभिन्न माध्यमों में मैट्स यूनिवर्सिटी द्वारा गलत अंकसूची जारी करने का भ्रामक प्रचार किया जा रहा था। इसके लिए संजीव अग्रवाल ने मनेंद्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल की डीसीए की गलत अंकसूची बनाकर मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा जारी किये जाने का षडय़ंत्र किया था।
पूर्व में भी छत्तीसगढ़ सरकार के उच्च शिक्षा विभाग एवं छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा उक्त मामले में पूरी निष्पक्षता से जांच की गई थी जिसमें यह पाया गया था कि जो मार्कशीट दिखाई जा रही है वह मैट्स यूनिवर्सिटी द्वारा जारी ही नहीं की गई है। उच्च न्यायालय के इस निर्णय से मैट्स यूनिवर्सिटी की छवि खराब करने का मकसद और निजी लाभ के लिए ब्लैकमेल करने के सारे कुत्सित षडय़ंत्र भी विफ ल हो गये हैं। मैट्स यूनिवर्सिटी भारत सरकार के राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन आयोग ;नैकद्ध से बी प्लसप्लस ग्रेड प्राप्त राज्य का प्रथम निजी विश्वविद्यालय भी है। इस पर उच्च न्यायालय के आदेश विश्वविद्यालय के वेब पोर्टल में अपलोड किया गया।