जशपुर
आक्रोशित ग्रामीणों ने मनोरा तहसील घेरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 21 जनवरी। जयमरगा गांव के ग्रामीण आक्रोश होकर तहसील कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। मामला मनोरा विकास खंड के ग्राम पंचायत डडग़ांव के जयमरगा गांव का है।
बीते रविवार को जब डडग़ांव पटावरी चंद्रशेखर पटेल जयमरगा गांव के निवासी परशुराम की जमीन नापने के लिए पहुंचे और परशुराम की जमीन सडक़ से लगी हुई निकली। पटवारी ने जमीन तो नापा लेकिन दाएं बाएं दोनों तरफ कम ज्यादा नाप दिया गया। पटवारी ने परशुराम की जमीन सडक़ तक निकाल दी और जमीन मालिक ने अपना समतल जमीन को खेत बनाने के लिए जेसीबी मशीन बुलवाकर जमीन को खोदा और सडक़ को भी खोदकर खेत बना दिया।
जमीन मालिक को गांव वाले बोलते रहे, लेकिन परशुराम ने अपनी जमीन कहकर सडक़ को खोद दिया।
1980 में बनी थी सडक़
सन्तन राम, संतोष राम, पेट्रोल राम, शिव राम ने बताया कि 1980 में सुखा राहत के तहत कच्ची सडक़ का निर्माण किया गया था। पटेल पटवारी की गलत नापी से 1980 की सडक़ अब खेत बन गया। ग्रामीणों की मांग है की जिस तरह पहले कच्ची सडक़ थी उसी तरह सडक़ की मरम्मत किया जाए।
पूरे गांव के लोग प्रभावित
जयमरगा गांव में लगभग 4 सौ मतदाता हैं। और यहां के ग्रामीण को रोजाना जिला मुख्यालय काम करने आना जाना लगा रहता है। सन्तन राम ने बताया कि जयमरगा गांव के लिए यह एक मुख्य मार्ग है। इसी रास्ते से होकर सभी को आना जाना होता है। ग्रामीणों ने बताया कि हमारे दादा परदादा इसी सडक़ से आवाजाही होकर दुनिया से चले गए और आज इस सडक़ को जमीन मालिक और पटवारी ने मिलकर खेत बना दिया।
1980 की सडक़ की मांग को लेकर तहसील कार्यालय और मनोरा चौकी में आवेदन प्रस्तुत किया गया है।