गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 22 जनवरी। उन्नत मादा वत्स पालन योजना (काफ रियरिंग) पशुधन विकास विभाग की योजना जिसमें उन्नत बछियों के लालन पालन हेतु अनुदान पर लघु और सीमांत कृषकों को सन्तुलित पशुआहार प्रदाय किया जाता है, जिसका उद्देश्य उन्नत बछिया का सुपोषण द्वारा शारीरिक विकास करना है जिससे वह भविष्य में गाय बनकर ज्यादा दूध उत्पादन करे।
पशु चिकित्सक तमेश कंवर ने बताया कि विकास खण्ड गरियाबंद के गौठान ग्राम सढौली के भारत लाल ध्रुव के पास सिर्फ 3 बैलजोड़ी था, मैं जब भी उनके घर पशु उपचार के लिए जाता था मुझे उनके यहाँ गाय की कमी महसूस होती थी। उन्हें ये बात बताने के बाद फुलकर्रा गौशाला से एक गिर क्रास और एक कोसली बछिया निशुल्क दिलाया। जिस बछिया को लोगों ने बोझ समझकर गौशाला में छोड़ दिया, उक्त बछिया को उन्नत मादा वत्स पालन योजना अंतर्गत 20 हजार का पशुआहार (दान) प्रदाय कर इन्हें लाभान्वित किया। दाना के साथ साथ पशुचिकित्सालय से इन्हें कृमिनाशक, किलनिनाशक दवा,मिनरल मिक्सचर पाउडर, कैल्शियम टॉनिक इत्यादि समय-समय पर खिलाया जाता रहा जिसके परिणाम से दोनों बछियों के शारीरिक विकास अच्छा तो हुआ ही साथ ही ये दोनों गर्मी (ऋतु) में जल्दी आ गए।
उक्त दोनों बछिया का कृत्रिम गर्भाधान द्वारा गाभिन होकर दोनों बछियों ने बछड़ा और बछियों को जन्म दिया और गाय बनी। शुरू के 3 महीनों तक दोनों गाय ने सुबह शाम मिलाकर 5 लीटर दूध प्रतिदिन दिया। और आज भी दे रहे है और दोनों गाय में फिर से कृत्रिम गर्भाधान भी हो गया है। एक समय था जब सढौली बड़ी मुश्किल से 40-50 पशुओं टीकाकरण हो पाता था पर आज 750 पशुओं में टीकाकरण होता है, लगभग हर किसान गौपालन, बकरीपालन, मुर्गीपालन, सुकर पालन करने की बात करता है ये सब भरत लाल ध्रुव के कारण ही सम्भव हुआ।
एक टीम लीडर की तरह इन्होंने पूरे गांव में पशुपालन के प्रति जागरूकता फैलाया, कुछ दिनों पहले गौठान विजिट में पहुंचे हमारे एडिशनल डायरेक्टर डॉ कार्तिकेय ध्रुव सर से इन्हें मिलाया और इनके बारे में पूरी बात बताया। इस प्रकार की फील्ड एक्टिविटी और ऐसे पशुपालक से मिलकर वे बहुत खुश हुए।