कोरिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 23 जनवरी। आज की राजनीति में सुचिता जैसे शब्द की जगह नहीं है। आज की राजनीति काफी कुछ अलग हो चली है, और अब के समय राजनीति सोशल मीडिया और उसके कई प्लेटफार्म पर ज्यादा तेज गति से दौड़ रही है जो बदलते दौर के साथ जरूरी भी है, उक्त बातें पूर्व विधायक द्वारका गुप्ता ने राजनीति में सुचिता को लेकर कही।
उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम वित्तमंत्री व पूर्व बैकुंठपुर के पूर्व विधायक डॉ. रामचंद्र सिंहदेव को लेकर एक प्रसंग बताया, विधानसभा चुनाव के समय भाजपा की ओर से श्री गुप्ता मैदान में थे, जबकि उनका मुकाबला डॉ. रामचंद्र सिंहदेव से था, उस समय श्री गुप्ता के पुत्र और उनकी पुत्रवधु को लेकर तकरार चल रही थी, जिसका चुनावी लाभ लेने के लिए डॉ.सिंहदेव के समर्थकों ने उनकी पुत्रवधु को कांग्रेस के चुनावी मंच पर लाने की तैयारी की, जिसकी भनक डॉ सिंहदेव को लगी।
उन्होंने श्री गुप्ता की पुत्रवधु को मंच पर नहीं चढऩे दिया और उसे राजनैतिक मंच पर लाने वाले को भी फटकारा और कहा कि राजनीति में नीति आरोप प्रत्यारोप की जगह नहीं है। श्री गुप्ता ने कहा कि राजनीति में इस तरह की सुचिता होना चाहिए, ताकि मन में विद्वेष ना आ सके।
गौरतलब है कि श्री गुप्ता अविभाजित मप्र की विधानसभा में मुख्य सचेतक रहे साथ ही वे अविभाजित सरगुजा के दो बार अध्यक्ष भी रहे, वे एक बार मनोनीत अध्यक्ष और जब दूसरी बार अध्यक्ष बने तो वे चुनाव जीत कर पहुंचें, उस समय कोरिया जिले में 125 मत थे जो उन्हें 100 प्रतिशत मिले थे, इसके अलावा उनका मुकाबला जनसंघ के फांउडर मेंबर रेवती रमन मिश्रा और अविभाजित मध्य प्रदेश के तत्कालिन गुह मंत्री प्रभु नाथ त्रिपाठी से था, भाजपा के इस चुनाव में दोनो दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा था। श्री गुप्ता ने 1969 से 1974 तक जिले के पहले आरएसएस के शिक्षक रहे, इमरजेंसी में वे 20 माह जेल भी रहे।