दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 23 जनवरी। छत्तीसगढ़ कहार भोई समाज का वार्षिक सम्मेलन (महासभा) रविवार को ताम्रकार धर्मशाला दुर्ग में हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। जिसमें अम्बिकापुर, कांकेर से लेकर कवर्धा तक के समाज पधाधिकारी और लोग शामिल हुए।
सम्मेलन में बच्चों के लिए गीत, नृत्य तथा रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें बच्चों ने बड़ी संख्या में भाग लिया, और माहौल को खुशनुमा बना दिया। प्रतिभागी बच्चों को समाज के जागृति सभा द्वारा मोमेंटो और प्रमाणपत्र देकर प्रोत्साहित किया गया। समाज सेवा करने वाले वरिष्ठ पंचों का भी सम्मान किया गया।
सम्मेलन के प्रथम सत्र में आमंत्रित मुख्य अतिथि दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा थे। दुर्ग राज के पदाधिकारियों ने समाज के अत्यंत आवश्यक मांग—सामाजिक भवन हेतु भूखंड की तथा भोईपारा हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ समाज के लिए प्रथम तल पर एक हाल की मांग की।
अरुण वोरा ने कहर भोई समाज से अपने दिवंगत पिता मोतीलाल वोरा के दिनों से बहुत गहरे और पुराने संबंधों को याद करते हए अपने आत्मीय संबोधन में समाज को भूखंड दिलाने में हरसंभव प्रशासनिक सहायता देने के साथ भवन निर्माण के लिए 20 लाख रुपये देने की घोषणा की।
दूसरे सत्र में आमंत्रित मुख्य अतिथि दुर्ग नगर महापौर धीरज बाकलीवाल ने समाज के इन दोनों मांगों को यथाशीघ्र हर हाल में पूरा करने और हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में पार्षद मनदीप भाटिया और भोला महोबिया भी अतिथि के रूप में पधारे थे। समाज ने आमंत्रित अतिथियों द्वारा ऐसे ह्रदय से समाज को सहयोग करने पर हर्ष व्यक्त करते हुए आभार व्यक्त किया।
दूसरे सत्र में पदाधिकारियों द्वारा आज के बदलते समय में आ रही सामाजिक चुनौतियों और नियम परिवर्तन पर गंभीर चर्चा की। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ कहार भोई समाज अध्यक्ष राजेन्द्र औसर, सचिव कान्हा कौशिक, उपाध्यक्ष ज्योति औसर कोषाध्यक्ष हेमंत कोसरिया, पूर्व अध्यक्ष प्रीतलाल यमराज, सचिव सतीश चौधरी,जाग्रति सभा अध्यक्ष नागेन्द्र नायक तथा विभिन्न राजों से पधारे पदाधिकारी शत्रुघ्न केशरी, महेंद्र औसर, जितेन्द्र औसर, ईश्वरी कहर, नितिन बनवासी, चंद्रहास कहार, अशोक अवसरिया, युवा संघठन से संजय बनवासी, अजय अवसरिया, सुनील कोसरिया, प्रवीण अवसरिया, नितेश कहार मनीष बोयर, वीरेंद्र कश्यप सहित बड़ी संख्या में समाज के महिला-पुरुष उपस्थित थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन दुर्ग राज सचिव कैलाश बनवासी ने किया।