बस्तर
अस्पताल परिसर में ही कैंडल मार्च, कहा- हमारी मांगें हो पूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 23 जनवरी। कम वेतन मिलने और मानदेय में 4 वर्ष के बाद भी किसी भी प्रकार से कोई भी वृद्धि नहीं होने पर मेकाज सहित पूरे छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टर से लेकर इंटर्न डाक्टर लगातार पांच दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए है, जिसके चलते वार्डों की स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है, सीनियर डॉक्टर के बाद जेआर आदि ने मोर्चा तो संभाला है लेकिन वे लगातार हर वार्ड में 24 घंटे नहीं रह पा रहे हैं। इसी तारतम्य में रविवार की रात को डॉक्टरों ने अस्पताल परिसर के अंदर ही कैंडल मार्च करते हुए सरकार के द्वारा 4 वर्ष पहले किए गए वादे को निभाने की बात कही है।
कैंडल मार्च के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. पुष्पराज प्रधान ने बताया कि मेकाज में काम करने वाले सभी इंटर्न, पीजी, एसआर, बोंडेड डॉक्टरों को दूसरे राज्यों के अपेक्षा कम पैसे देने को लेकर पूरे छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों ने आपातकाल सेवा देने से मना करते हुए हड़ताल पर चले गए, इन डॉक्टरों के जाते ही पूरे अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
जूनियर रेसीडेन्ट डाक्टर्स के मानदेय में वृद्धि नही होने के कारण पूरे छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टरों ने विरोध शुरू कर दिया है, जिसके चलते पहले दिन काली पट्टी लगाने के साथ ही गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया।
हड़ताल पर डॉक्टरों के जाते ही बस्तर संभाग के अलावा 7 जिलों से अपना इलाज कराने आने वाले मरीजों को भी डॉक्टर नही मिलने पर काफी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। प्रदेश के जूनयिर रेसीडेन्ट डॉक्टरों को दिया जा रहा मानदेय अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है, विगत 4 वर्षों से जूनियर रेसीडेन्ट डॉक्टर्स के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है जबकि प्रदेश के हर श्रेणी के कर्मचारियों की शासन द्वारा विभिन्न रूप से वेतन वृद्धि करी जा चुकी हैं।
मेकाज के गायनिक, ऑक्थल, सर्जरी, पीडिया, आर्थो, मेडिसिन के अलावा अन्य वार्डों से डॉक्टरों ने काम छोड़ हड़ताल का समर्थन दे रहे है, जिसके चलते रविवार को डॉक्टरों के द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया।