रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 जनवरी। वित्त विभाग द्वारा ओपीएस पर सोमवार को जारी आदेश को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई है। कर्मचारी संगठन इसे सरकारी धोखा बता रहे हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि 8 महीने में ही सरकार एवं उसके अफसर पलट गए ।11 मई 2022 को जारी अधिसूचना में 1 नवंबर 2004 को अथवा उसके पश्चात नियुक्त कर्मचारियों को नवीन पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना की अधिसूचना जारी की गई थी। और 20 -1- 2023 को 8 महीने बाद ही सरकार अपने ही आदेश को पलट कर ,पुरानी पेंशन योजना लागू करने का 1/4 /2022 कर दिया....?
शालेय शिक्षक प्रधानपाठक संघ के मनोज साहू प्रांताध्यक्ष और सुरेश वर्मा महामंत्री ने कहा है कि सरकार का यह आदेश कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है । 2004 से लेकर 31 मार्च 2022 तक नियुक्त कर्मचारियों को एन पी एस या ओ पी एस का विकल्प केवल एक बार भरने का मौका दिया गया है यदि आप ओ पी एस चुनते हैं तो ,ओ पी एस के तहत राज्य शासन का जमा पैसा एवं लाभांश आपको शासन के खाते में जमा करना है उसके पश्चात ही आपको पेंशन की अनुपातिक पात्रता होगी। यह कितना बड़ा धोखा है?और केवल आपके कंधे में बंदूक चलाना है इसे समझना होगा ।नई नियुक्ति के लिए पेंशन योजना 1/4/2022 से लागू करने की बात कही गई है इससे आप समझ सकते हैं कि जो साथी 30 साल बाद रिटायर होंगे उनको ओपीएस के तहत पेंशन मिलेगा। 30 साल में कौन रहेगा किसकी सरकार बनेगी आप सब समझदार है। कर्मचारी समझदार है सही समय पर जवाब दिया जायेगा।
इसी तरह से पुरानी पेंशन के संबंध में आज जो आदेश जारी किया गया हैं ,उसमे अब स्पष्ट हैं कि हमें अभी के वेतन से एनपीएस खाते का आधा या राज्यांश तथा उस पर प्राप्त ब्याज को जमा करना होगा ( अभी के वेतन से )। अत: शिक्षक, कर्मचारी संगठनों को चाहिए कि इस योजना का लाभ सभी को सही ढंग से मिल सके इसके लिए यह प्रयास करना चाहिए कि चुंकि एनपीएस सन 2012 से लागू है इसलिए तर्कसंगत बात यह होगी कि पुरानी पेंशन नियम भी नियम हमारे लिए 2012 से / या प्रथम नियुक्ति तिथि से लागू हो ।
जिसका लाभ यह होगा कि सभी शिक्षकों की सेवा अवधि , 10 वर्ष या उससे अधिक जाएगा , जो ओपीएस के लिए अनिवार्य शर्त हैं ।यह कि एनपीएस का राज्यांश और उस पर अर्जित ब्याज को राज्य शासन को जमा करने संबंध में हर माह किश्त में जमा करने कर्मचारियों को शासन द्वारा विकल्प प्रदान करना चाहिए । इसमें एक नियम आड़े आ सकता है कि , एक व्यक्ति दो पेंशन का लाभ नहीं दिया जा सकता हैं ।
इसका हल ऐसे निकल सकता है कि एनपीएस में जमा सम्पूर्ण राशि को रिटायरमेंट के समय एकमुस्त दे दिया जाय । चूकि एक व्यक्ति दो पेंशन का हकदार नहीं हैं। केंद्र चाहे तो एनपीएस में जमा राशि के हिसाब से उसके अंतर्गत भी पेंशन मिल सकती है ।
...और इधर सोशल मीडिया में
केंद्र न्यू पेंशन स्कीम का पैसा जो उसने मार्केट एवं अन्य जगह लगाया है उसे क्यों वापस नहीं करता ? कर्मचारियों से पैसा काटा जाएगा उस पर सरकार द्वारा जीपीएफ के लिए निर्धारित दर से ब्याज दिया जायेगा 2004के बाद न्यू पेंशन स्कीम का केंद्र से पैसा एक मुश्त आएगा तो कर्मचारी को त्रश्चद्घ मे वृद्धि होगी और अनुपातिक पेंशन मिलेगी 2004या 2022तक नियुक्त हुए लोगो की नियुक्ति के समय उम्र 25साल मान ले तो उनका रिटायरमेंट 37साल बाद नियुक्ति अवधि के होगा ।क्या सरकार बदलने से आने वाली सरकार पैसा नही देगी? या पिछले 75साल में कई बार सरकार बदली उन सरकारों ने पेंशन का पैसा या रिटायरमेंट का पैसा नही दिया ? पेंशन पॉलिसी पूंजीवादी व्यवस्था के पोषको ने और एक खास विचार धारा ने लाया था ।
उन्हे पूंजीपतियों को दिए गए ऋ ण लाखों करोड़ एनपीए करना मंजूर लेकिन तीस पैंतीस साल काम करने वाले को उसके पैसे का इस्तेमाल कर रिटायरमेंट के बाद पेंशन देना मंजूर नहीं। और ये खेल तमाशा, नहीं कि कोई आए और तुरंत बदल दे।
समाधान से अधिक समस्या आ खड़ी हुई
दूसरी ओर भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कैबिनेट के फैसले के बाद लागू, ओल्ड पेंशन योजना के विषय में वित्त विभाग के जारी निर्देश ने कर्मचारियों के सामने समाधान की जगह नई समस्या पैदा कर दी है। छत्तीसगढ़ में सरकार 4 साल में लगभग 62000 करोड रुपए का कर्ज ले चुकी है। कर्मचारी इस दिवालिया सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहे हंै कि अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी उन्हें कैसे सौंपे।