राजनांदगांव

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का उपयोग स्वस्थ एवं निरोग रहने के लिए कारगर-देशमुख
24-Jan-2023 6:51 PM
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का उपयोग स्वस्थ एवं निरोग रहने के लिए कारगर-देशमुख

एक दिवसीय नि:शुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला का आयोजन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 जनवरी।
महापौर हेमा देशमुख ने जिला स्तरीय एक दिवसीय नि:शुल्क आयुष स्वास्थ्य मेला का आयोजन प्रियदर्शनी मॉडल स्कूल फिरंतीन मंदिर सामुदायिक भवन परिसर वार्ड नंबर 43 बसंतपुर राजनांदगांव में किया। 

कार्यक्रम को संबोधित करते महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि हमारा देश प्राचीनकाल से आयुर्वेद, गणित, तकनीक में आगे रहा है। शून्य एवं सर्जरी जैसी चिकित्सा पद्धति का यहां अविष्कार हुआ। पुष्पक विमान हमारी संस्कृति एवं इतिहास में रही है। हमें अपने प्राचीन ज्ञान, अविष्कार का पेंटेंट कराने की जरूरत है। आयुर्वेद की उपयोगी सामग्री हमारे गार्डन एवं किचन गार्डन में है, जो चिकित्सा के लिए बहुत उपयोगी एवं कारगर है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का उपयोग स्वस्थ एवं निरोग रहने के लिए करें। उन्होंने इस आयोजन के लिए आयुष विभाग को बधाई दी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ अंत्यावसायी सहकारी वित्त विकास निगम के अध्यक्ष धनेश पाटिला, सदस्य असंगठित कर्मकार मण्डल विरेन्द्र चौहान, पार्षद ऋषि शास्त्री एवं पार्षद खेमिन राजेश यादव सहित जनप्रतिनिधि एवं जिला आयुर्वेद अधिकारी श्री रमाकांत शर्मा उपस्थित थे।

आयुर्वेद विभाग द्वारा निरंतर आयुष शिविरों का निरंतर आयोजन किया जा रहा है। शिविर के माध्यम से अधिक से अधिक आयुर्वेद पद्धति से चिकित्सा कराये जाने लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही लोगों को आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के लाभ के बारे में बताया जा रहा है। शिविर में आयुर्वेद पद्धति के 1775 रोगी, होम्योपैथी पद्धति के 425 रोगी, यूनानी पद्धति के 204 रोगी कुल 2404 रोगियों की जांच कर नि:शुल्क औषधियों का वितरण किया गया। पुरूष व महिला रोगियों को पृथक-पृथक पंचकर्म अंतर्गत स्नेहन व स्वेदन की सुविधा भी शिविर में उपलब्ध कराई गई तथा शिविर में पहुंचे सभी नागरिकों को आयुष काढ़ा पिलाया व वितरण किया गया। 

शिविर में रोगियों के लिए रक्त परीक्षण अंतर्गत शुगर एवं एचबी जांच की सुविधा भी उपलब्ध रही। आयुर्वेद पद्धति अंतर्गत ज्वर के 67 प्रतिश्याय के 275, कास के 165, वात रोग के 1065, हृदय रोग के 27, डायबिटीज के 84, चर्मरोग के 215, उदर रोग के 212, स्त्रीरोग के 189, कर्ण - मुख- नासा के 46, अर्श बवासीर के 17 व अन्य रोग के 42 इस प्रकार कुल 2404 रोगियों द्वारा चिकित्सा लाभ लिया गया।

 रक्त परीक्षण अंतर्गत 260 रोगियों की शुगर व हिमोग्लोबीन जांच किया गया। पंचकर्म अंतर्गत 65 रोगियों को स्नेहन -स्वेदन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। शिविर में लगभग 2200 लोगों को आयुष काढ़ा पिलाया व वितरण किया गया। शिविर प्रभारी डॉ. हर्षा दुबे एवं मंच संचालन - डॉ. सुरेन्द्र कुमार मेश्राम द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला आयुर्वेद अधिकारी ने डॉ. रमाकान्त शर्मा, सहित जनप्रतिनिधि, चिकित्सक, अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।

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