दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 29 जनवरी। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा द्वारा आगामी बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए जिले के विद्यालयों के प्राचार्य के साथ विशेष समीक्षा बैठक का आयोजन पीडब्ल्यूडी के मीटिंग हॉल में किया गया था। जिसमें जिले में संचालित 106 हाई स्कूल और 7 हायर सेकेंडरी स्कूल में निकट भविष्य में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को लेकर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।
बैठक में कलेक्टर ने 40 से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों का चिन्हांकन करते हुए इसे बेहतर परिणाम में त्वरित कैसे परिवर्तित किया जा सके इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सतत मॉनिटरिंग के साथ-साथ, जल्द से जल्द एक्शन मोड में आकर योजनाबद्ध तरीके से रणनीति बनाने और उस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्यार्थी कमजोर हो या मेधावी, सबको साथ लेकर चलना शिक्षक की जि मेदारी है। जिन विद्यालयों के परिणाम बेहतर नहीं रहे हैं उनके लिए उन्होंने एक्स्ट्रा क्लासेस और ब्लूप्रिंट पर आधारित क्विक रिवीजन क्लासेस चलाने के निर्देश दिए। ताकि कम समय में ब‘चे गियर अप कर बेटा परिणाम हासिल कर सकें।
कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभय जसवाल को सभी विद्यालयों से कोऑडिर्नेट कर विद्यार्थियों का अनुपातिक स्तर पर जहां जहां शिक्षकों की कमी है वहां से जानकारी उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है ताकि शिक्षकों की कमी को दूर कर विद्यालयों के स्तर को और बेहतर बनाया जा सके। इसके साथ ही साथ उन्होंने जिन-जिन विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों की कमी है उनकी सूची भी उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है ताकि कार्य विभाजन सही तरीके से कर विद्याथिर्यों को बेहतर परिणाम दिलाएं जा सकें।
कलेक्टर ने बैठक में शिक्षिकों मनोबल को बढ़ाने के लिए नवाचार और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर सम्मानित करने की बात भी कही। बुनियादी शिक्षा में बेहतर दिशा में कार्य किया जाए इसके लिए कलेक्टर ने आने वाले आगामी सत्र में प्राथमिक और माध्यमिक शाला में और बेहतर फोकस करने की बात कही। उनका स्पष्ट वक्तव्य था कि बुनियादी शिक्षा को बेहतर बनाकर हम ब‘चों के आधार स्तंभ को मजबूत कर सकते हैं, जिससे कि उनका आने वाला भविष्य सुनहरा हो सके।
कलेक्टर ने बैठक में स्पष्ट किया कि कई बार विद्यालय के अंदर और आसपास के क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियां घटित होती देखी जाती हैं। जिसमें मु य रुप से मारपीट, छेडख़ानी और नशाखोरी शामिल है। इन सब पर नकेल कसने के लिए प्रशासन, पुलिस विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर स त कदम उठाएगा और सतत मॉनिटरिंग से इन गतिविधियों पर लगाम लगाएगा।