बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 30 जनवरी। बकावंड जनपद के ग्राम पंचायत डोडरेपाल की शासकीय उचित मूल्य की दुकान में हितग्राहियों को तय कीमत से अधिक दाम पर राशन देने का मामला सामने आया है, वही ं यह भी आरोप है कि दुकान खोलने का दिन और समय भी तय नहीं है। संचालक का जब मन करता है, दुकान खोलता व बंद करता है।
डोडरेपाल निवासी 44 वर्षीय गुरबारी ने बताया कि उसे प्राथमिक कार्ड मिला है। जनवरी में उन्हें 10 किलो चावल, शक्कर 1 किलो, गुड़ 2 किलो, चना 2 पैकेट व नमक 2 पैकेट दिया गया और राशन के संचालक गोलू के द्वारा उनसे 80 रुपये लिए।
ं डोडरेपाल निवासी लकेश्वर का कहना है कि कार्ड उनकी पत्नी सोनाय के नाम से है जब पति-पत्नी दोनों राशन के लिए गए ओर उन्हें राशन संचालक ने 35 किलो चावल, शक्कर 1 किलो, गुड़ 2 किलो, चना 2 पैकेट व नमक 2 पैकेट दिया देने के बाद उनसे 100 रुपये लिया गया है।
इस मामले में ‘छत्तीसगढ़’ ने दुकान संचालक गोलू मौर्य से बात की तो कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं थी कि चावल निशुल्क बाटना है, मंै ग्रुप में नहीं हूं मुझे सरपंच ने फोन कर बताया कि राशन 61 रुपये लेना है ओर आदेश भी भेज दिए है, मंै जिन लोगों से अधिक पैसा लिया हूं उन्हें वापस कर दूंगा।
कुछ हितग्राहियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सेल्समैन सरपंच का रिश्ते में भाई लगता है। आरोप लगाया कि वह अपनी मनमानी करता है, दुकान खोलने का दिन और समय तय नहीं राशन संचालक अपनी मर्जी से राशन बांटता है। इस कारण कुछ ही लोगों को राशन मिल पाता है। उसके दुकान खोलने का दिन भी निर्धारित नहीं है। जब उसे समय मिलता है या मानो पैसे की जरूरत होती है वह तभी दुकान खोलता है। इस दौरान हमें बार-बार दुकान खुली है या नहीं, यह देखने चक्कर लगाना पड़ता है। साथ ही ग्राम पंचायत के कई लोगों को राशन बांटने की सूचना नहीं मिल पाती है। इससे वे राशन नहीं ले पाते हैं। बाद में राशन लेने जाने पर हितग्राहियों से दुर्व्यवहार किया जाता है। यह परेशानी कई महीने से हो रही है। अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए अब किसी से अपनी परेशानी बताने की इच्छा भी नहीं होती है।
गौरतलब है कि जिले के बकावंड क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में उचित मूल्य की कई दुकानों की हालत ऐसी ही है। डोडरेपाल में राशन दुकान का संचालन करने सरपंच ने गांव के ही गोलू मौर्य नामक व्यक्ति को जिम्मा दिया है। लेकिन उसके मनमाने रवैये से लोगों को जहां राशन नहीं मिल पा रहा है, वहीं लोगों की जेब पर डाका भी डाला जा रहा है।
इस मामले में सहायक खाद्य अधिकारी दिव्या रानी का कहना है कि अभी जो चावल बांटा जा रहा है, वह निशुल्क है।
शक्कर, गुड़,चना का ही पैसा लगेगा, जिसका नियमत: 61 रुपये लेना चाहिए। अगर केरोसिन लेंगे तो उसका अलग से पैसा लिया जाना चाहिए। आपके माध्यम से जानकारी आया है कि राशन संचालक के द्वारा ज्यादा पैसा हितग्राही से लिया जा रहा है तो इस पर जांच कर कारण बताओ नोटिस जारी कर अनियमितता पाये जाने पर दुकान सस्पेंड कर निरस्ततिकरण की कार्रवाई की जाएगी।