रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 जनवरी। सीएम भूपेश बघेल की नाराजगी जताए जाने के बाद जिलों में एक बार फिर भू-राजस्व मामलों को लेकर हलचल बढ़ गई है। जिला राजस्व विभाग में लंबित फाइलें निकालकर सुनवाई की तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश में 1 लाख 45 हजार से अधिक नामांतरण, बटांकन के मामले लंबित बताए गए। इनमें अकेले रायपुर जिले में 16 हजार 6 सौ मामले पेंडिंग हैं। बता दें कि सीएम बघेल फरवरी के तीसरे सप्ताह में कलेक्टरों की बैठक लेकर इनकी समीक्षा करने वाले हैं।
राजस्व मंडल से लेकर अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालयों में राजस्व मामलों के हजारों मामले सिर्फ मूल न्यायलयों के रिकार्ड नहीं पहुंचने के कारण बरसों से लंबित हैं । इसके लिये कोताही बरतने वाले जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने व समय पर रिकॉर्ड पहुंचवाने की प्रभावी व्यवस्था की मांग मुख्यमंत्री , राजस्व मंत्री व मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंप की गयी है ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व मुख्य सचिव अमिताभ जैन को मेल तथा राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को व्हाट्सएप के भूपेन्द्र शर्मा ने भेजा है । ज्ञापन में जानकारी दी गयी है कि राजस्व मंडल से लेकर अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालयों में अपील , पुनरीक्षण व पुनर्विलोकन का कानूनी प्रावधान है जिसके लिये मूल न्यायालयों के अभिलेखों ( रिकार्ड) की जरूरत पड़ती है। मूल न्यायालय व अभिलेखागार को इन रिकार्डो का मांगपत्र में भेजे जाने के बाद भी कोताही बरते जाने से पक्षकारों सहित अधिवक्ताओं को अनावश्यक परेशानी होती है। स्थिति इतनी बदतर है कि पक्षकारों व अधिवक्ताओं को मांगपत्र साथ ले जा रिकार्ड भिजवाने की सलाह दी जाती है और इसके लिये अधिकतर चढ़ौत्री की जरूरत पड़ती है ।
इस कार्य में होने वाले विलंब को दूर करने सुनिश्चित प्रभावी व्यवस्था का आग्रह करते हुये सुझाव दिया गया है कि मांगपत्र तामिली की सुनिश्चित जानकारी ले इसमें कोताही बरतने वालों के साथ - साथ तामिली के बाद भी कोताही बरतने वाले जिम्मेदार संबंधित कर्मचारी के खिलाफ सुनिश्चित कार्यवाही की व्यवस्था करे व संबंधित अभिलेखागार प्रभारी सहित संबंधित पीठासीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा कार्यवाही की जाए।
ज्ञापन में आगे मूल न्यायालय अथवा अभिलेखागार में रिकॉर्ड होने की स्थिति स्पष्ट न होने के परिप्रेक्ष्य में संबंधित पीठासीन अधिकारी को रिकॉर्ड भिजवाने के लिये जिम्मेदार बनाने का सुझाव दिया गया है।