धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 31जनवरी। छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग एवम छत्तीसगढ़ संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संयुक्त तत्वाधान में साइंस कॉलेज मैदान के ऑडोटोरियम में दिनांक 28 से 30 जनवरी तक आयोजित छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य युवा महोत्सव में नगरी निवासी डॉ.शैल चन्द्रा ने अपनी कहानी अगोरा का पाठ किया।
इस कहानी के पूर्वार्द्ध में एक शहीद की पत्नी का दु:ख, शोक एवं करुणा प्रदर्शित होता है वहीं उत्तरार्द्ध में कहानी पाठकों को नया रसास्वादन कराती है कि वह शहीद की पत्नी है ,उसके पति देश की रक्षा करते शहीद हो गए तो क्या वह अपने कोख में पल रहे बच्चे के जन्म और पालन पोषण का इंतजार करेगी फिर उसे भी देश सेवा हेतु भेज देगी। इसी समय का इंतजार अगोरा है।
ज्ञात हो कि इस गरिमामय समारोह में छत्तीसगढ़ी साहित्य को समृद्ध करने वाले साहित्यकारों को छत्तीसगढ़ी राज भाषा आयोग द्वारा आमंत्रित किया गया है। नगरी जैसे सुदूर अंचल के लिए गौरव की बात है कि यहाँ राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान ,खासकर लघु कथा के क्षेत्र में बनाने वाली डॉ शैल चन्द्रा को इस भव्य समारोह में कहानी पाठ के लिए आमंत्रित किया गया था।
इसके पूर्व भी उन्होंने छत्तीसगढ़ी राज भाषा आयोग के आमंत्रण पर बिलासपुर में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा के मानकीकरण पर भी तथ्यात्मक कार्य किया है। डॉ शैल चन्द्रा अपने मौलिक लेखन से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी हैं। उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सैकड़ों पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। लेखन की बात करें तो विविध विधाओं पर अभी तक उनकी 7 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं और आठवीं किताब लघु कथा पर इमोजी प्रकाशनाधीन हैं जो शीघ्र ही प्रकाशित होगी।