धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 1 फरवरी। बोर्ड परीक्षा के बाद बेहतर परफार्मेंस वाले छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी तैयार किया जाएगा। पिछले साल 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम औसत रहा। 10वीं में एक भी छात्र-छात्राओं ने टॉप टेन में अपना स्थान नहीं बनाया। जिले में शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर प्रदेश स्तर पर जिला शिक्षा विभाग की किरकिरी हुई थी, जिसके चलते इस साल बोर्ड परीक्षा में बेहतर परफार्मेंस के लिए विशेष फोकस किया जा रहा है।
जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 57 हाई और 24 निजी विद्यालय है। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की कुल दर्ज संख्या करीब 10 हजार 479 और 12वीं में 111 शासकीय और 44 हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। यहां 11 हजार 183 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है।
10वीं बोर्ड की परीक्षा 1 मार्च और 12वीं की परीक्षा दो मार्च से शुरू हो रही है। इसके लिए उपचारात्मक शिक्षा के तहत सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को तीन कैटेगरी में विभक्त कर उन्हें पाठ्य पुस्तके बेसिक ज्ञान को समझाया जा रहा है। इसके अलावा ऑनलाइन कोचिंग के माध्यम से कमजोर छात्रों को विषयवार प्रश्नों को हल कराया जा रहा है, जिससे परीक्षा के समय छात्र-छात्राएं अपना बेहतर परफॉर्मेंस कर सके। जिला शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो 28 जनवरी की स्थिति में अधिकांश हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षा ली जा चुकी है। वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर के वेबसाइट में इसका डाटा भी फीड किया जा रहा है। शेष बचे स्कूलों में हर हाल में 31 जनवरी तक प्रायोगिक परीक्षा कराया जाएगा।
टाइम मैनेजमेंट सीखा रहे
परीक्षा परफार्मेंस को सुधारने के लिए छात्र-छात्राओं की तीन कैटेगरी, जिसमें 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले, सबसे कमजोर बच्चे और 60 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले इन छात्र-छात्राओं को बेसिक ज्ञान के साथ ही प्रश्नों को हल करने में टाइम मैनेजमेंट सिखाया जा रहा है।