दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 1 फरवरी। विवाह के बाद से ही दहेज में नगदी रकम व मोटरसाइकिल लेकर नहीं आने वाली पीडि़ता के साथ शारीरिक व मानसिक रूप से शोषण करने वाले ससुराल पक्ष के आरोपियों को कोर्ट ने सजा दी है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ताजुद्दीन आसिफ की कोर्ट ने पीडि़ता के पति लोकेश्वर प्रसाद साहू को धारा 498 ए के तहत 1 वर्ष सश्रम कारावास, 500 रुपए अर्थदंड, धारा 323, 34 के तहत एक माह का सश्रम कारावास,100 रुपए अर्थदंड तथा दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत 6 माह के सश्रम कारावास तथा 500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
इसी तरह देवकी बाई, साकेत कुमार, त्रिवेणी बाई, कीर्ति साहू, बसंती बाई को भी धारा 498ए के तहत 1-1 वर्ष का सश्रम कारावास, 500-500 रुपए अर्थदंड, धारा 323, 34 के तहत 1-1 माह का सश्रम कारावास, दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत से 6 माह के सश्रम कारावास तथा 500-500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक मुक्ति प्रकाश एक्का ने पैरवी की थी।
पीडि़ता कोमल साहू का विवाह 24 जून 2011 को लोकेश्वर प्रसाद साहू निवासी खोपली रोड नयापारा उतई के साथ विवाह हुआ था। विवाह के अवसर पर पीडि़ता के माता-पिता ने अपने हैसियत के अनुसार जेवरात व अन्य सामान उपहार स्वरूप दिए थे। शादी के 15 दिन बाद ही पति एवं ससुराल के अन्य लोग पीडि़ता से कहने लगे कि हमने समाज वालों को बता दिए थे कि दहेज में मोटरसाइकिलए ढाई लाख रुपए नगद आदि मिलने वाले हैं अब हम समाज को क्या मुंह दिखाएंगे। यह कहकर मारपीट करते हुए परेशान करने लगे थे।
22 नवंबर 2012 को जब पीडि़ता को एक पुत्र की प्राप्ति हुई तब उसका पति उस बच्चे को दूसरे का बच्चा बताते हुए मारपीट करने लगा। इसके बाद से ही गाड़ी व नगदी रकम लाने के लिए पीडि़ता पर दबाव दिया जाने लगा। जब पीडि़ता ने उनकी मांग पूरी करने से मना किया तो उसके साथ मारपीट करते हुए लोकेश्वर प्रसाद साहू का दूसरा विवाह करने की बात कहकर उसे घर से निकल जाने के लिए दबाव दिया जाने लगा। परेशान होकर पीडि़ता ने कोर्ट का सहारा लिया था।