बीजापुर
बैलाडीला की पहाड़ी से लगे जिले के गांवों का हाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 1 फरवरी। दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के अंतिम छोर बैलाडीला की पहाड़ी से लगे जिले के गांव बरसों से लाल पानी के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। इन दर्जनों गांवों की समस्या का निदान कोई भी सरकार अब तक नहीं कर पाई हैं। आलम ये है कि आज भी ग्रामीण पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल चुआं से कर रहे हैं।
भैरमगढ़ जनपद पंचायत के अधीन आने वाले गांव पिनकोंडा के बंजारा पारा के ग्रामीण पीने के पानी के लिए नदी किनारे चुआं(झरन) से पानी निकालकर पी रहे हैं। बंजारा पारा में एक मात्र बोरिंग है। जिसमें से लाल पानी निकल रहा है। जो पीने लायक नहीं है। इसके इस्तेमाल से बच्चे बीमार हो रहे हैं।
ग्रामीण पीने के पानी के लिए गांव से करीब एक किलोमीटर दूर जाकर नदी किनारे चुआं (झरने) का पानी छानकर लाते है और उसे पीते हैं। इन ग्रामीणों की यह समस्या बारिश के दिनों में दोगुनी हो जाती है। बारिश के दिनों में उन्हें नदी पार करके जाना पड़ता है।
पिनकोंडा के ग्रामीण लगातार आवेदनों के माध्यम से अपनी समस्या अफसरों को बताते रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याएं जस की तस हैं। बीते दिनों भी पिनकोंडा की महिलाएं कलेक्टर से मिलने बीजापुर पहुंची थीं। महिलाओं ने अपनी एकमात्र मांग पीने लायक पानी की बोरिंग की व्यवस्था कराने अफसरों को पत्र भी सौंपा हैं।
पिनकोंडा से यहां पहुंचीं डिलो कडती ने बताया कि गांव में एक पुराना हैंडपंप लगा है, जिसमें पानी नहीं आता था। बाद में उसमें पाइप लगा दिया गया। अब उसमें से आयरन युक्त लाल पानी आ रहा है, जिसे पीकर बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। बारिश में भी यहां आकर ग्रामीणों ने कलेक्टर को पत्र दिया था। इसके बाद भैरमगढ़ के जनपद पंचायत वहां आये थे। लेकिन बारिश की वजह से सडक़ गीली होने की बात कहकर बोरिंग गाड़ी बाद में भेजने की बात कहकर आज तक नहीं भेजे। उन्हें कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। तब जाकर वे यहां कलेक्टर से मिलने आये हैं।
इस बारे में ‘छत्तीसगढ़’ ने सीईओ जनपद पंचायत भैरमगढ़ से उनका पक्ष लेने उन्हें लगातार कॉल किया गया। लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।