राजनांदगांव

केंद्रीय बजट को भाजपा ने सराहा तो कांग्रेस ने कसा तंज
02-Feb-2023 2:48 PM
केंद्रीय बजट को भाजपा ने सराहा तो कांग्रेस ने कसा तंज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 फरवरी।
केंद्र सरकार की आम बजट पर भाजपा ने एक ओर बजट की सराहना की है। वहीं कांग्रेस ने बजट के स्वरूप को लेकर तंज कसा है। कांग्रेस ने बजट को चुनावी साल की राजनीतिक महत्वकांक्षा से प्रेरित बताया। वहीं भाजपा ने बजट के जरिये भारत की वैश्विक ताकत बढऩे की उम्मीद जताई। ‘छत्तीसगढ़’ ने इस संबंध में राजनीतिक दलों से प्रतिक्रिया ली। 

 भागीदारी वाला बजट-सांसद
सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि यह बजट सबक साथ-सबका विकास के जरिये जनभागीदारी वाला बजट है। सप्तऋषि की तरह अमृतकाल के दौरान सात प्रमुख बिंदुओं पर केन्द्रित यह बजट प्रगति की राह पर भारत देश का पथप्रदर्शन करेगा। इस बजट में महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, मध्यमवर्गीय एवं युवा शक्ति को केन्द्रित कर बजट में कई प्रावधान किए गए हैं, जो इस बजट को समावेशी विकास का परिचायक सिद्ध करता है। प्रधानमंत्री आवास के बजट में इस बार 66 प्रतिशत वृद्धि कर 79 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान कर देश की आवासविहीन जनता को लाभान्वित करने के साथ ही कृषि आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा देने से कृषि में तकनीकी क्रान्ति लाकर किसानों को समृद्ध करने का महत्वाकंाक्षी प्रयास केन्द्र शासन ने किया है। 

 बेरोजगारी और महंगाई रोकने कोई प्रावधान नहीं- हेमा


महापौर हेमा देशमुख ने बजट को लेकर कहा कि निराशावादी, गरीबों पर मार, पेट्रोल-डीजल और महिलाओं के आभूषण के बढ़ते दाम को लेकर देश में बेरोजगारी एवं महंगाई रोकने कोई प्रावधान नहीं है।  यह बजट आर्थिक भार डालने वाला है। इस बजट से किसानों सहित मध्ययम एवं गरीब वर्ग के लोगों को कोई राहत नहीं दिया गया है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों में कोई कमी नहीं की गई है। सोना-चांदी के दाम बढ़ाकर महिलाओं को आभूषण पहनने से दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की बात करने वाली केन्द्र सरकार बेरोजगारी दूर करने 8 साल में 18 करोड़ बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा भूल कर नौकरी देने कोई प्रावधान नहीं किया है। मनरेगा में कोई बजट वृद्धि नहीं की गई।

देश विकास की ऊंचाईयों को छुएगा-अभिषेक


पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने 2023-24 के बजट पर कहा कि यह नए भारत के अमृतकाल का बजट है, इसमें वंचितों को वरीयता, मिडल क्लास को राहत, कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग व सर्विस सेक्टर्स को प्रोत्साहन, वित्तीय अनुशासन का अद्भुत उदाहरण समाहित है। यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को नई उचाईयों में ले जाने वाला बजट है। इस बजट से आने वाले समय में देश विकास की नई ऊंचाइयों को छू लेगा। यह बजट सभी वर्गों के लिए हितकारी है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने हर वर्ग के उत्थान को महत्व दिया है। वैश्विक मंदी के दौर में इस बजट से भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर विश्व में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करेगा 

मध्यम व गरीब वर्ग के लिए कुछ नहीं-छन्नी

खुज्जी विधायक छन्नी साहू ने कहा कि यह बजट मध्यम, गरीब वर्ग को मरणासन्न अवस्था में ले जाएगा। रसोई गैस, ईंधन, खाद्यान्न पर बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी पर बजट में कुछ नहीं है। बजट में बढ़ती महंगाई,  बेरोजगारी, किसानों को एमएमपी और उनकी आय दोगुनी करने सहित कई जरूरतों को नजऱ अंदाज कर देश को बदहाल स्थिति की ओर मोड़ दिया है।घरेलू गैस, पेट्रोल-डीजल, खाद्यान्न में बढ़ती महंगाई में किसी तरह की राहत बजट में शामिल नहीं है। रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत जरुरतों के लिए जूझने वाले मध्यमवर्गीय और गरीब वर्ग को यूं ही उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। उनकी आर्थिक प्रगति और खर्च में राहत के लिए मोदी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए हैं।

गागर में सागर भरने वाला अमृतकाल का बजट-मधुसूदन

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने कहा कि यह बजट गागर में सागर भरने वाला अमृतकाल का बजट है। यह बजट देश को आर्थिक प्रगति प्रदान करने वाला अमृतकाल का बजट है। देश की 80 करोड़ जनसंख्या को सीधे लाभ देते प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नि:शुल्क अनाज, मध्यम वर्ग की पीठ से टैक्स का बोझ हटाना, शिक्षा, रक्षा, कृषि, सहकारिता, शोध एवं अनुसंधान, महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर बजट में वृद्धि किया जाना प्रधानमंत्री मोदी की उत्तरोत्तर सोच एवं सबके विकास की नीति का प्रमाण है। पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान के माध्यम से बजट में प्रथम बार कारीगरों एवं शिल्पकारों को विश्वकर्मा से संबोधित करते उनके लिए वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराना उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है।

आंकड़ों के खेल में भी फेलवर केंद्र सरकार-शाहिद

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शाहिद भाई ने केंद्र सरकार के बजट को पूरी तरह से फेलवर सरकार का बजट करार देते कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से महंगाई रोक पाने में असफल मोदी सरकार प्रमाणित हुई है। खुदरा महंगाई दर का अनुमान 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो कि रिजर्व बैंक की तय सीमा अधिकतम 6 प्रतिश्त से अधिक है। चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 8 से 8.5 प्रतिशत था, जो घटकर 7 प्रतिशत हो गया है। इनकम टैक्स का दायरा 7 लाख कर बीमा, हेल्थ इंश्योरेंस, हाउस लोन, की छूट को समाप्त कर दिया गया है। रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट सुविधाएं का प्रावधान नहीं है। 
 

बजट सर्वोन्मुखी-अशोक


भाजपा किसान नेता अशोक चौधरी ने कहा कि इस वर्ष का बजट सर्वोन्मुखी है। इस बजट मे आयकर में छूट बढ़ाकर 7 लाख किया गया है। जिससे देश के करोड़ों नौकरी पेशा लघु व्यवसाय करने वाले लोगों को सीधे लाभ हुआ है। आज से पहले कभी भी एक साथ 2 लाख रुपए इनकम टैक्स के स्लैब में बढ़ोतरी नहीं की गई थी। इसके अलावा किसानों के लिए मकान बनाना ग्रामीण इलाके में आसान कर दिया गया है प्रधानमंत्री आवास में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी से लघु और सीमांत कृषकों को पक्का मकान की सौगात मोदी  सरकार ने दिया है। कृषि ऋण में 2014 के 7 लाख करोड़ के मुकाबले 3 गुना बढ़ोतरी कर 20 लाख करोड़ करके किसानी को सहूलियत प्रदान किया गया है। 
 

मोदी सरकार का बजट छलावा-कुलबीर


शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा ने कहा कि मोदी सरकार का बजट छलावा देश की औद्योगिक इकाई बेचने की तैयारी केन्द्र सरकार का बजट बेहद ही निराशाजनक रहा। आम जनता से जुड़ी हुई चीजों का महंगा कर देना ये दर्शाता है कि केंद्र सरकार को आम जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है। लाखों युवाओं को रोजगार देने की बता करने वाली भाजपा नीत मोदी सरकार बजट में बेरोजगारों को छला है। अन्नदाता किसानों के सम्मान निधि में कोई बढ़ोतरी नहीं किया जाना किसानों के साथ छलावा है। वहीं बजट में आम जनता को कोई खास राहत देते नजर नहीं आ रहा है। आम लोगों को लाभ पहुंचाने के बजाय कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी को खत्म करने का काम किया गया है। 
 

देश व प्रदेश को मिलेगी मजबूती-किशुन


नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने कहा कि इस बजट से देश के साथ प्रदेश को भी मजबूती मिलेगी। हर हिस्से का बेहतर ढंग से ध्यान रखा गया।   इसका लाभ देश के साथ छग राज्य को मिलने वाला है। बजट में जहां गरीबों को एक साल तक नि: शुल्क अनाज की व्यवस्था रखी गई है। वहीं मध्यम वर्गीय को डायरेक्ट टैक्स में बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार ने 7 लाख रुपए तक के इनकम में कोई भी टैक्स नहीं लगाने की घोषणा की है। इससे मिडिल क्लास का बचत में इजाफा होगा। स्टार्टअप फंड और इंटरनेशनल स्किल इंडिया सेंटर्स से रोजगार-स्वरोजगार के बड़े रास्ते खुल सकेंगे। आदिवासी क्षेत्रों में विकास को भी प्राथमिकता दी गई है, जो केंद्र सरकार के बेहतर सोचे और हर वर्ग की तरक्की और सुविधा के विचार को स्पष्ट करता है। 
 

केंद्रीय बजट निराशाजनक- निखिल


छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल सदस्य निखिल द्विवेदी ने  कहा कि केंद्रीय बजट में आम लोगों के हित में कोई प्रावधान नहीं है। इस बजट को निराशाजनक बजट करार दिया है।  एपीएम सम्मान निधि में कोई इजाफा नहीं हुआ है, इससे किसान वर्ग निराश है, कृषि सेक्टर में आय दुगनी जैसी कोई बात नहीं हुआ है।  सामान्य रूप से देखेंगे तो यह बजट निराशाजनक है। गरीबों के लिए कोई नई योजना नहीं है, युवाओं के लिए भी बजट में कोई खास बात नहीं है, महिलाओं को भी कोई राहत नहीं दी गई है। केंद्रीय बजट में महंगाई पर लगाम जैसी कोई बात नहीं है।
 

महिलाओं को केंद्र ने दिए तोहफे-गीता


जिला पंचायत अध्यक्ष गीता घासी साहू ने इस बजट को सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र के साथ सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाला अत्यंत सराहनीय बजट बताया। इस बजट में आम आदमी को राहत देते इनकम टैक्स की सीमा 5 लाख से बढ़ा कर 7 लाख कर दिया गया है। गीता साहू ने कहा कि बजट में महिलाओं के लिए बड़े तोहफे का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने महिलाओं के लिए बचत योजना की घोषणा की है। महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगीण् इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा।
 

केंद्रीय बजट से मिली निराशा-रईस


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रईस अहमद शकील ने कहा कि यह बजट पूरी तरह से निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 का जो बजट प्रस्तुत किया गया है, वह सबसे खराब बजट है। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया गया था, पर इस बजट में एमएसपी नहीं बढ़ी। देश में बेरोजगारी दर 8.3 प्रतिशत है। करोड़ों युवा बेरोजगार हैं, रोजगार के लिए कुछ नहीं किया। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती, मनरेगा सबका बजट घटा है। बजट में महिलाओं की व्यथा को नहीं समझी गई।  महंगाई को लेकर कोई राहत नहीं महिलाएं इस बजट से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। 
 

मजबूत भारत का शानदार बजट-रमेश


जिला भाजपा अध्यक्ष रमेश पटेल ने कहा कि आज जब विकसित देशों व पश्चिमी राष्ट्रों में महंगाई चरम पर है, विकास की दर गिर रही है तब भारत जैसे विकासशील देशों में महंगाई की दर भी स्थिर है व विकास दर की संभावनायें अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन,फ्रांस व जर्मनी से आगे दिख रही है, यह कमाल मोदी सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धियों में से एक है। इस बजट में जहॉ वेतनभोगी वर्ग को, मध्यम श्रेणी के लोगों को किसानों को, मजदूरो को, औद्योगिक घरानों को टैक्स की छूट दी है, वही प्रधानमंत्री आवास में लगभग 80 हजार करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया है जिससे गरीबों को सरलता से आवास मिलेगा।
 

ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको भाजपा ने ठगा नहीं वाला बजट-रूपेश


कांग्रेस प्रवक्ता रूपेश दुबे ने कहा कि सर्वहारा वर्ग को ठगने वाला बजट है। इस बजट में केंद्र सरकार द्वारा 8 वर्षो में लिए गए कर्ज के चलते प्रत्येक व्यक्ति के सर पर 1 लाख 15 हजार का कर्ज है, उससे राहत दिलाने की कोई कार्ययोजना नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ रोजगार मूलक रोजगार गारंटी योजना में 26 प्रतिशत की कटौती करना, किसानों की आय 2022 तक दुगुनी करने की योजना तक बनाने में असफल भाजपा सरकार वर्मी खाद का विरोध करने वाली भाजपा किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की बात कर बजट को झूठ का पुलिंदा साबित किया है।
 

दूरगामी परिणाम देने वाला बजट-पवन


भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष पवन मेश्राम ने कहा कि केंद्रीय बजट अमृतकाल का अमृत बजट होने के साथ-साथ देश को दूरगामी परिणाम देने वाला बजट है। आम आदमी के सपनों को पूरा करने वाला बजट है। अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। जी-20 की अध्यक्षता ने भारत को एक मौका दिया है कि वो वैश्विक स्तर पर आर्थिक मोर्चे पर अपनी मजबूत दावेदारी पेश करे। प्रतिव्यक्ति आय दोगुना हुई और बढक़र 1.97 लाख हो गई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत विश्व की 10वीं बड़ी अर्थव्यवस्था  हुआ करती थी, अब वो 5वें पायदान पर है। वैश्विक स्तर पर मुल्कों की अर्थव्यवस्था मुश्किल में है, लेकिन भारत की विकास दर 7 फीसदी तक रहेगी। 

श्री मेश्राम ने कहा कि गोवर्धन योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का आबंटन किया है। 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं है, जो बहुत राहत की बात है। साल 2014 से सरकार के प्रयासों में सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। 2023-24 के बजट में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि प्रधानमंत्री आवास के लिए आबंटन को 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79000 करोड़ रुपए कर दिया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपए केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। रिजर्व बैंक ने गारंटी मुक्त कृषि ऋण की सीमा को 01 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपए करने का फैसला किया है। 
 

किसानों के साथ  धोखा-मदन


जिला किसान कांग्रेस के अध्यक्ष मदन साहू ने कहा कि केंद्रीय बजट में महंगाई से जूझ रही जनता को राहत देने और बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं है। साथ ही इस बजट से किसान खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं। केंद्र सरकार को जीएसटी संग्रह में वृद्धि मिली है। इसके बाद भी राजकोषीय घाटा बढ़ा है। यह साफ करता है कि आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो रही है।देश के बेरोजगारों को बड़ी संख्या में रोजगार देने का दावा केंद्र सरकार करती रही, लेकिन बजट में इसके लिए स्पष्ट तौर पर कोई भी प्रावधान नहीं है। 
 

विकासपरख एवं सर्व वर्ग हारा वाला बजट-शिव 


जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष  शिव वर्मा ने कहा कि यह बजट विकास परख एवं सर्ववर्ग हारा वाला है। केंद्र सरकार का बजट देश को मजबूत करने वाला साबित होगा। बजट में हर हिस्से का बेहतर ढंग से ध्यान रखा गया है। हर क्षेत्र को मजबूत करने के लिहाज से बजट पेश किया गया है। इसका लाभ देश के साथ छग राज्य को मिलने वाला है। बजट में जहां गरीबों को एक साल तक नि: शुल्क अनाज की व्यवस्था रखी गई है। वहीं मध्यम वर्गीय को इलेक्ट्रनीक  टैक्स में बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार ने 7 लाख रुपए तक के इनकम में कोई भी टैक्स नहीं लगाने की घोषणा की है। इससे मिडिल क्लास का बचत में इजाफा होगा। 
 

लगातार बढ़ रहा घाटा-मेहुल


पूर्व लोकसभा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मेहुल मारु ने कहा कि मोदी राज में देश की अर्थव्यवस्था बिना किसी रोडमैप के उल्टे पांव भाग रही है। देश के बहुमूल्य संसाधन बेचने और कर्ज लेने के अलावा आर्थिक नीतियों का कोई फ्रेमवर्क नहीं है। 
जीएसटी संग्रह में वृद्धि के बावजूद हमारा राजकोषीय घाटा लगातार बढ़ रहा है। इस बजट में भी कुल बजट का लगभग 40 प्रतिशत से अधिक उधार द्वारा वित्त पोषित है। मोदी सरकार के पास जमा पर गिरते ब्याज दर, बढ़ती मुद्रास्फीति, महंगाई और बेरोजगारी का कोई हल नहीं है। मनरेगा का बजट 73000 करोड़ से घटकर 60,000 करोड़ हो गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 12954 करोढ़ से घटकर 10787 करोड़ किया गया। 
 

सप्तर्षि की अवधारणा पर आधारित है बजट-प्रखर


भारतीय जनता युवा मोर्चा दक्षिण मंडल के अध्यक्ष प्रखर श्रीवास्तव ने कहा कि समावेशी विकास अंतिम छोर तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र बजट की प्राथमिकताएं हैं। बजट की ये सात प्राथमिकताएं सप्तर्षि की अवधारणा पर आधारित है।  वर्तमान केंद्रीय बजट गांव, गरीबए किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर वर्ग की आशाओं और राष्ट्र के समग्र उत्थान की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला है। नि:संदेह यह बजट भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला बजट है। विशेषकर मध्यम वर्ग को आयकर मे राहत इस बजट मे दी गई है। 
 

मोदी सरकार ने छात्रों को सिर्फ  ठगा-राजा यादव


एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश संयुक्त महासचिव राजा यादव ने कहा कि लगता है मोदी सरकार को छात्रों से कुछ ज्यादा ही तकलीफ  इसलिए कोरोना महामारी के रिलीफ पैकज से लेकर आज तक के बजट में छात्रों को लगातार नजरअंदाज किया जाता रहा। सिर्फ  नर्सिंग कॉलेजों के खोलने की हेडलाइन के अलावा सरकार ने एक भी घोषणा छात्रों के लिए नहीं की और यह कैसा बजट था। जिसमें छात्रों के लिए कुछ नहीं मिला।
 

बजट में महिलाओं के कल्याण की चिंता-बैद


भाजपा पार्षद मधु बैद ने कहा कि बजट में महिलाओं के कल्याण की चिंता साफ तौर पर दिख रही है। अल्प बजट वाली योजनाओं को बजट में शामिल किया गया है। कार्पोरेट वर्ग से लेकर अन्य तबके के लिए केंद्र सरकार ने बजट में विशेष प्रावधान रखा है। उन्होंने कहा कि 2023-24 के बजट से देश में विकास की रफ्तार बढ़ेगी। भारत दुनिया में आर्थिक रूप से और मजबूत होगा। 
 

आयकर दाता की बढ़ेगी संख्या-साहू


टैक्स बार एसोसिएशन राजनांदगांव के अध्यक्ष कमलकिशोर साहू ने कहा कि बजट में प्रत्यक्ष कर में करदाता के मांग से अधिक कर सीमा को नए विकल्प में रुपए सात लाख तक आयकर से मुक्त किया गया है, जो सरकार द्वारा बड़ी राहत है। प्रस्तुत बजट में मध्यम वर्ग से लेकर कारपोरेट वर्ग, महिला, किसान सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है।  विशेषकर मध्यम वर्ग के करदाता के लिए आयकर की सीमा बढऩे से बड़ी राहत मिलेगी। नर्सिंग कॉलेज, कौशल विकास, योजना, अन्न योजना से देश समृद्ध भारत की ओर अग्रसर होगा। टैक्स रेट कम होने से करदाता ईमानदारी से टैक्स देंगे व आयकरदाता की संख्या बढ़ेगी।

 

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