बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 2 फरवरी। भगवान के नाम में पापों के सर्वनाश की शक्ति है। चाहे कितना भी बड़ा पापी हो, यदि वह भगवान का नाम लेता है तो उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। कहते हैं कि भगवान के नाम में इतने पापों के नाश करने की शक्ति है कि उतने पाप पापी कर ही नहीं सकता।
उक्त बातें जगतगुरु शंकराचार्य ने श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ सप्ताह के सातवें दिन के प्रवचन में कही। उन्होंने भागवत में वर्णित अजामिल की कथा का सुनाते हुए कहा कि अजामिल ने अपने जीवन में अनेक घोर पाप किए थे लेकिन जब उसकी मृत्यु हुई तो भगवान के पार्षद विमान लेकर उसके पास पहुंच गये और उसे अपने साथ ले गये। उसने जीवन भर पाप किया था, लेकिन नारायण नाम के उच्चारण मात्र से वह भगवान के लोक में जाने का अधिकारी हो गया। शंकराचार्य ने कहा कि उसने भगवान का नाम सीधे तो नहीं लिया तो फिर वह भगवान के लोक में कैसे गया? तो इसका उत्तर यह है कि जैसे अग्नि को चाहे आप जानकर स्पर्श करो या अनजाने में वह तो जलाएगी ही। ऐसे ही भगवान का नाम चाहे जानकर लो या अनजाने में वह हमारा कल्याण ही करती है।
श्रीमद् भागवत कथा ही भगवान का साक्षात अवतार
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सातवें दिन कथा का रसपान किया। शंकराचार्य महाराज के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि शंकराचार्य के श्रीमुख से भागवत कथा का श्रवण कर रहे हैं और उनके चरण वंदन करने का लाभ भी हमें मिल रहा है। कलयुग सनातन धर्म में यह मान्यता है कि श्रीमद्भागवत कथा ही भगवान का साक्षात अवतार है हमारे सनातन में यह मान्यता है शंकराचार्य भगवान ही भगवान के अवतार हैं। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी लोगों को संबोधित किया।
शंकराचार्य ने दिया सवा लाख शिवलिंग स्थापना का अवसर
आयोजक आशीष छाबड़ा ने कहा कि इतिहास में, जब भी यह पूछा जाएगा कि शंकराचार्य महाराज ने पहला भागवत कथा कहां किया था, तो बेमेतरा का नाम लिया जाएगा। शंकराचार्य महाराज छत्तीसगढ़ में 18 पुराण और 18 उपपुराण करने जा रहे हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने बेमेतरा से की है। मंच पर कई संत गण मौजूद हैं, जिनके श्रीमुख से ज्ञान की बातें सुन रहे हैं । सलधा लक्षेश्वर धाम में सवा लाख शिवलिंग की स्थापना की जा रही है।