रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 फरवरी। सीएम भूपेश बघेल ने अडानी पर शुक्रवार को यहां कहा कि कर्मचारियों के एमपीएस, एमपीएस के तीन मैनेजर है यूपीआई, एसबीआई, एलआईसी ये तीन फंड मैनेजर है। उन्होंने कहा कि एनपीएस की राशि एलआईसी में है, अडानी समूह को गया है। कर्मचारियों का पैसा खतरे में है। इसके बारे में भारत सरकार को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए।
सीएम श्री बघेल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि 2023-24 केंद्रीय बजट में जो महत्वपूर्ण बिन्दु के बारे में उन्होंने कहा कि किसानों की आय तो दुगनी हुई नहीं। लेकिन फर्टिलाइजर 22 फीसदी सब्सिडी कम कर दी गई। एलपीजी की सब्सिडी में 75 प्रतिशत की कमी, मध्यान भोजन, पोषण शक्ति कार्यक्रम में 9 प्रतिशत, मनरेगा में 32 प्रतिशत की कमी की गई।
श्री बघेल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 12 प्रतिशत की कमी, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई सहायता कार्यक्रम में 17 प्रतिशत, अल्पसंख्यक कल्याण में 66 प्रतिशत, खाद्य सब्सिडी में 31 प्रतिशत की कमी, महंगाई चरम पर, वित्तीय घाटा भी चरम पर है, चालू घाटा चरम पर है। जीडीपी वृद्धि में मात्र 2.2 प्रतिशत की कमी आई है। बेरोजगारी चरम पर है। ऋणभार सर्वकालिक कुछ दर पर मात्र 8 वर्षों में तीन गुना हुआ है। ये निष्कर्ष है बजट किसान, निम्न, मजदूर, मध्यम वर्ग के लिए अत्यंत निराशाजनक है। यही कथित अमृतकाल का सत्य है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग पहले बोलते थे कि अच्छे दिन आएंगे। सब लोग उस भ्रम में वोट डाल दिए। अच्छे दिन किसका आया। आम जनता को केवल महंगाई और बेरोजगारी मिला। अब सबका साथ सबका विकास तो देश की जनता का साथ तो लिए। जनता का पैसा बैंकों में डलवा दिया। घर में तो रख नहीं सकते। बैंकों में रखना होगा। सबका साथ तो ले लिए और विकास किसको हुआ। वो भी देख लीजिए। वो भी डुब रहा।