महासमुन्द

कूटरचित दस्तावेजों से जाति प्रमाण पत्र बनाया, चुनाव जीतकर पार्षद बनीं
04-Feb-2023 3:33 PM
कूटरचित दस्तावेजों से जाति प्रमाण पत्र बनाया, चुनाव जीतकर पार्षद बनीं

टीकाराम ने बताया कि पहले ही यह मामला कलेक्टर महासमुंद में लंबित है

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,4 फरवरी।
बसना के एक पार्षद ने आरक्षण का लाभ लेने कूटरचिटत दस्तावेजों से जाति प्रमाण पत्र बनाया, चुनाव लडक़र जीत हासिल की। बाद में उनसे हारे हुए उम्मीदवार ने उनके जाति प्रमाण पत्र पर आपत्ति दर्ज की। जांच के बाद यह मामला इस वक्त कलेक्टोरेट महासमुंद में लंबित है।

लंबित अवधि में ही उक्त पार्षद ने अपने जन्म स्थान देवभोग के ग्राम पंचायत में जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन लगाया और यह भी खारिज हो गया। तत्कालीन एसडीएम तहसीलदार ने भी उनके आवेदन को खारिज कर दिया, लेकिन नए एसडीएम ने उन्हें पुन:पुराने दस्तावेजों के आधार पर ही जाति प्रमाण पत्र जारी किया है।  

उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर आवेदन बसना निवासी टीकाराम दास ने फिर से आपत्ति दर्ज की है और पत्रकारों को जानकारी दी है कि बसना वार्ड क्रमांक 14 के महिला पार्षद ने कलेक्टोरेट में मामला विचाराधीन होते हुए उन्हीं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर दुबारा जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया है। अनुविभागीय अधिकारी और तहसीलदार देवभोग ने पुराने कागजात के आधार पर ही उक्त महिला पार्षद का जाति प्रमाण पत्र बना दिया है।
टीकाराम ने बताया कि महिला पार्षद अमरीन बानों के आवेदन पर ग्रामसभा देवभोग में भी दिनांक 14-06-2022 को जाति प्रमाण बनवाने हेतु प्रस्ताव निरस्त किया गया है। साथ ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व देवभोग ने उनका जाति प्रमाण पत्र अस्वीकृत कर खारिज किया है। यह प्रकरण वर्तमान में कलेक्टर महासमुंद में विचाराधीन है। विचाराधीन काल में ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व देवभोग से पुन: उसी दस्तावेजों से स्थाई जाति प्रमाण पत्र बनाकर प्रस्तुत किया गया और अधिकारी ने उन्हें जाति प्रमाण पत्र बना दिया है।

टीकाराम का दावा है कि पार्षद द्वारा प्रस्तुत तमाम दस्तावेज फर्जी है। पार्षद ने जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु जिस स्कूल का दस्तावेज बनाया है और वहां पढा़ई का दावा कर रही हैं, वह स्कूल 2019 से बंद है। ग्राम पंचायत देवभोग के  ग्राम सभा में भी उनके जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु प्रस्ताव निरस्त किया गया है।

टीकाराम ने कहा है कि नगर पंचायत बसना के वार्ड क्रमांक 14 का पार्षद को शून्य करने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व देवभोग से प्राप्त जाति प्रमाण पत्र अस्वीकृत कर खारिज की कार्रवाई की गई है। पार्षद अमरीन बानों पिता अब्दुल लतीफ निवासी देवभोग तहसील देवभोग जिला गरियाबंद ने 28 नवंबर 2019 को अस्थाई जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार देवभोग से प्राप्त किया था। किंतु यह जाति प्रमाण पत्र अस्वीकृत कर खारिज की कार्रवाई 7 जनवरी 2019 को की गई है। उक्त पार्षद के निर्वाचन को निरस्त कर उचित कार्रवाई करने का मामला कलेक्टर महासमुंद में विचाराधीन है।

टीकाराम का कहना है कि पार्षद अमरीन बानो ने प्राथमिक शाला देवभोग में 1 जुलाई 1992 से 1 अक्टूबर 1995 तक नियमित छात्रा के रूप में पहली कक्षा में अनुत्तीर्ण वाला दस्तावेज प्रस्तुत किया है जबकि यह संकुल वर्तमान में 2019 में बंद हो गया है। वास्तव में अमरीन का संपूर्ण शिक्षा दस्तावेज कक्षा पहली से आठवीं तक ग्राम पोस्ट टीटलागढ़ जिला बलांगीर ओडिशा का है। कलेक्टर महासमुंद में मामला विचाराधीन होने के बावजूूद पुराने कूटरचित दस्तावेजों से दिनांक 31-12-2022 को सक्षम अधिकारी तहसीलदार देवभोग एवं  अनुविभागीय अधिकारी देवभोग ने जाति प्रमाण पत्र जारी किया है। जबकि ग्राम सभा देवभोग में 14 जुलाई 2022 को जाति प्रमाण बनवाने हेतु पार्षद का प्रस्ताव निरस्त किया गया है।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news