सूरजपुर

कोड़ाकू जनजाति के बुजुर्ग दंपत्ति के मकान का जन सहयोग से मरम्मत
06-Feb-2023 7:17 PM
कोड़ाकू जनजाति के बुजुर्ग दंपत्ति के मकान का जन सहयोग से मरम्मत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

प्रतापपुर, 6 फरवरी। कई सालों से टूटे फूटे मकान में रह रहे कोड़ाकू जनजाति के बुजुर्ग पति-पत्नी को राहत मिल गई है।जनसहयोग से उनके घर की मरम्मत हो गई है। मामला प्रतापपुर के दरहोरा की है, जहां उनका घर हाथी ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। समाजसेवी की पहल पर मरम्मत कराने में जनपद सीईओ, पंचायत सचिव, स्थानीय निवासी तूफान सिंह का प्रमुख सहयोग रहा।

गौरतलब है कि हिरासाय कोड़ाकू अपनी पत्नी नन्ही के साथ दरहोरा के कोड़ाकू पारा में एक छोटे से घर में रहता था, जिसका आधा हिस्सा करीब चार साल पहले क्षतिग्रस्त हो गया था। दो तरफ से दीवार टूटी थी, छप्पर का आधा हिस्सा टूट कर गिर गया था। गरीबी और हालात से मजबूर,उम्रदराज बुजुर्ग दम्पत्ति जो घर की ऐसी स्थिति होने के बाद भी इसी में रहते थे। गर्मी का मौसम तो ठीक है लेकिन बारिश का मौसम इनके लिए सबसे कष्टदायक होता था और घर के अंदर होती बारिश के बीच रात की नींद और दिन के बाकी काम छोड़ अंदर भर रहे पानी से घर को बचाने की चिंता होती थी। 

ठंड में मौसम में रात गुजरना आसान नहीं होता था, लेकिन अब उनकी ये सारी परेशानियां दूर हो गई हैं, क्योंकि प्रतापपुर के समाजिक कार्यकर्ता की पहल से इनके घर की मरम्मत हो गई है और घर पूरी तरह से रहने लायक हो गया है।

छोटे पांव मजबूत कदम के संयोजक और समाजिक कार्यकर्ता राकेश मित्तल बताते हैं कि कुछ महीने पहले जब वे इनके घर गए थे, तब बुजुर्ग हिरासाय ने अपनी स्थिति बताते हुए कहा था कि घर की मरम्मत हो जाये तो उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। इसके बाद उन्होंने उनके घर की मरम्मत के प्रयास किये और प्रतापपुर के जनपद सीईओ निजामुद्दीन, पंचायत सचिव आरिफ खान और स्थानीय जनप्रतिनिधि तूफान सिंह व अन्य का आर्थिक सहयोग मिला तथा स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बुजुर्ग दम्पत्ति के घर की मरम्मत हो गई है। दोनों ओर टूटी दीवाल जुड़ गई,सीमेंट सीट से नया छप्पर बना गया,नया दरवाजा और लिपाई पुताई से घर की स्थिति बेहतर हो गई है।

उन्होंने बताया कि घर की मरम्मत से कोड़ाकू जनजाति के बुजुर्ग दम्पत्ति खुश हैं और अब उनके लिए नया घर बनाने के प्रयास होंगे।

कुछ घण्टों में बना था राशन कार्ड, स्वीकृत हुआ था पेंशन
उक्त वृद्ध दम्पत्ति पेंशन, राशनकार्ड सहित अन्य योजनाओं से भी वंचित था। इस तरह की स्थिति की जानकारी के समाजिक कार्यकर्ता राकेश मित्तल ने पाने स्तर पर बात उठाई थी, जिसके बाद कुछ घँटों में ही उक्त दम्पत्ति को राहत मिल गई थी। प्रतापपुर जनपद सीईओ निजामुद्दीन ने तत्परता दिखाई थी और कुछ घण्टो में ही हिरासाय के नाम मुख्यमंत्री पेंशन स्वीकृत कर दिया था, जिसके तहत हर महीने उसे 350 रुपये मिल रहे हैं। इतना ही नहीं उसके नाम से अंत्योदय राशन कार्ड बना दिया था  जिससे हर महीने 35 किलो मुफ्त चावल मिल रहा है। वहां के पंचायत सचिव आरिफ खान ने गांव में जाकर तूफान सिंह व अन्य की उपस्थिति में हिरासाय को कार्ड सौंपा था। बदहाली में जीवन जी रहे कोडाकू जनजाति के वृद्ध दम्पत्ति को पेंशन और राशनकार्ड बनने के बाद बहुत हद तक राहत मिल गई थी।

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