रायपुर

बिजली गुल, बैटरी से रौशन बासिन की सडक़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 फरवरी। छत्तीसगढ़ का कुंभ कहे जाने वाले राजिम में सालाना माघ मेला शुरू हो चुका है। और इसके साथ आसपास के गांव ब्लैक ऑउट होने लगे हैं। यह मेला आने वाले शिवरात्रि तक चलता रहता है। वहीं शासन-प्रशासन इसकी व्यवस्था में लगे रहते हैं। चौक-चौबंद व्यवस्था के बीच पूरे मेला परिसर को दुधिया रौशनी से पाट दिया गया है। इस वजह से ग्रामीणों को बिजली कटौती की समस्या से जूझना पड़ता है।
राजिम मेले में आयोजन के साथ ही निगम, पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से अपने काम में जुड़ जाती हैं। इस मेले में वरिष्ठ मंत्री विधायक भी आते हैं जिन्हें खुश करने में वे लगे रहते हैं। मेले की शुरुआत से पहले विद्युत विभाग भी मेले की रौनक बढ़ाने के लिए विद्युत व्यवस्था में जुट जाता है। मेले में इतनी ज्यादा बिजली की खपत होती है जिससे विद्युत विभाग हर साल आसपास के गांव में कटौती कर मेले को रौशन करता है। गांव के लोग इन 15 दिनों तक बिजली कटौती की समस्या से जूझते रहते हैं कहीं किसी का रोजगार तो कहीं किसी का व्यवसाय इन 15 दिनों में नुकसान से गुजरता है।
इन बिजली कटौती को लेकर शासन प्रशासन ने अभी तक न विभागीय तौर पर और ना ही व्यक्तिगत रूप से इन ग्रामीणों को बिजली कटौती होने की कोई जानकारी नहीं दी है। आखिरकार ग्रामीण करें भी तो क्या मेले की रौनक बढ़ाने के लिए अंधेरों में रह कर अपना गुजारा करते हैं। राजिम से लगे सैकड़ों गांव में कभी दिन कभी रात में लाइट बंद की समस्याएं होती रहती है जो मेले के अंत तक ऐसा ही रहता है।
राजिम के आस-पास के गांव बोरसी, किरवाई, बाशिंग, कोपरा, रावन, अरण, सेमरा, कौनकेरा, बकली और दर्जनों गांवों की बिजली कटौती कर मेले की रौनक बढ़ाई जाती है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि गांव गरीब किसानों को 24 घंटे बिजली सुविधा दी जाएगी।
लेकिन ग्रामवासी घंटों अंधेरे का सामना करते हैं। ग्रामवासी बताते हैं कि यह समस्या अभी की नहीं है यह हर साल मेला लगने के दौरान रहती है बिना सूचना के बिजली विभाग गांव की बिजली काटकर मेले को रोशन करने में लगा देती है। ताकि मेलों में 24 घंटे बिजली की कमी ना हो पूछने पर बिजलीकर्मी अधिकारियों के आदेश का हवाला देते हैं।