धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 8 फरवरी। जिले में कुल 1102 आंगनबाड़ी केन्द्र है। इसमें मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र 50 सम्मिलित हैं। यहां कार्यरत करीब 22 सौ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय संघर्षरत है।
कई चरणों के आंदोलन के बाद अब भूपेश सरकार को अपनी जन घोषणा पत्र में किए गए वादे को याद दिलाने के लिए आर-पार की लड़ाई छेड़ दिया हैं। गांधी मैदान में बेमुद्दत धरना पर बैठ गए। उनका समर्थन करने के लिए युवा नेता राजेश शर्मा और पार्षद राजेन्द्र शर्मा भी पहुंचे थे।
नगरी ब्लाक के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहले ही आंदोलन में चले गए हैं, वहीं अब धमतरी, कुरूद, मगरलोड, भखारा, आमदी, कुकरेल क्षेत्र के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बेमुद्दत हड़ताल पर चले गए है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संयुक्त मंच की जिलाध्यक्ष रेवती वत्सल ने कहा कि भूपेश सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का विश्वास को तोड़ा हैं। सत्ता में आने के बाद चार साल बीतने के बाद भी उनकी मांगों को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया, जिससे मजबूर होकर मंगलवार को दूसरे दिन जिलेभर के कार्यकर्ता और सहायिका बेमुद्दत हड़ताल पर चले जाएंगे। केकती साहू, उमेश्वरी बघेल, सरस्वती मरकाम, पदमनी सोनी, केंवरा चतुर्वेदी का कहना है कि पहले चरण में 23 जनवरी से 27 जनवरी तक रायपुर में महापड़ाव किया गया। उस समय सरकार ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था।
4 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित
गौरतलब है कि धमतरी जिले में 1102 आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुल 4 हजार 305 कुपोषित बच्चे हैं। इन बच्चों को सुपोषित करने के लिए शासन की ओर से कई तरह की योजनाएं चला रही है। इसमें गर्म भोजन योजना भी शामिल हैं, लेकिन आंदोलन के चलते इस व्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। आंदोलन के दौरान बच्चों को गर्म भोजन कौन बनाकर परोसेगा, यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। ज्ञात हो कि गत दिनों ही कलेक्टर ने सभी गौठानों में लेयर बर्ड फार्मिंग, मुर्गी पालन और उत्पादन करने का निर्देश दिया था, ताकि आंगनबाड़ी के कुपोषित बच्चों को अंडा परोसा जा सके।
सरपंच-सचिवों को दी जिम्मेदारी
उधर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग भी एक्शन मोड में आ गया हैं। किसी भी आंगनबाड़ी में तालाबंदी न हो, इसके लिए जिले के सभी 370 ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिवों से मदद की गुहार लगाई है। विभाग ने छोटे बच्चों के हित में उन्हें रोजाना की तरह गरम भोजन परोसने की व्यवस्था करने तथा कुपोषित बच्चों को पूरक पोषक आहार आबंटन में सहयोग मांगा है।