बीजापुर
पुलिस की गोली से ग्रामीण की मौत-आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 फरवरी। जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके तर्रेम से करीब 8 किलोमीटर दूर गुंडेम के जंगल में बुधवार को हुए मुठभेड़ पर ग्रामीणों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वहां कोई पुलिस नक्सली मुठभेड़ नहीं हुई थी। सुरक्षा बलों ने ग्रामीणों पर गोली चलाई है। जिसके कारण एक ग्रामीण पुनेम लखमू की मौत हो गई है।
पुलिस ने एक दिन पहले जारी किए प्रेस नोट में बताया था कि संयुक्त सुरक्षा बलों के अभियान में गुण्डम के जंगल में नक्सलियों के साथ शाम करीब 5 .00 बजे 40 मिनट तक गोलीबारी हुई थी। मुठभेड़ के बाद कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा गया और पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया था कि घटनास्थल पर छानबीन करने पर भारी मात्रा में विस्फोटक, डेटोनेटर, नक्सल कैंप की सामग्री एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गई थी और कुछ माओवादियों के मारे जाने तथा घायल होने का अंदेशा जताया था।
गुरुवार को यहां बीजापुर में जिला अस्पताल में पीएम के लिए लाए गए पूनेम लखमू के परिजनों में उनके पुत्र पुनेम संतोष और भतीजे पूनेम हूंगा ने बताया कि मंगलवार- बुधवार की दरम्यानी रात करीब 3 बजे सुरक्षा बलों की टुकड़ी गांव में पहुंची थी। गोलियों की आवाज से गांव में अफरा-तफरी मच गई थी। कुरसम पारा में अपने घर में सो रहे पुनेम लखमू भी जंगल की तरफ भाग रहा था।
लखमू के भतीजे पूनेम हूंगा ने बताया कि जंगल में बैठे सुरक्षा बलों ने उन पर गोली चला दी। जिससे उनकी मौत हो गई। वहीं दूसरी तरह बीजापुर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने गुण्डेम घटना पर कहा कि अगर कोई गलत हुआ है तो जांच होगी। दोषी बख्से नही जाएंगे।